एक बैंक जो पैसा नहीं, मरीजों को मुफ्त देता है 'मेडिकल किट'

A bank does not give money, but provide free medical equipments
एक बैंक जो पैसा नहीं, मरीजों को मुफ्त देता है 'मेडिकल किट'
एक बैंक जो पैसा नहीं, मरीजों को मुफ्त देता है 'मेडिकल किट'

डिजिटल डेस्क, नागपुर। टीकाराम साहू "आजाद"। बैंक का नाम लेते ही पैसों का लेन-देन हमारी नजरों के सामने आ जाता है, लेकिन एक बैंक ऐसा भी है, जो दुर्घटना के कारण दिव्यांग या बीमार लोगों को “मेडिकल किट” देता है। वह भी पूरी तरह निशुल्क। दो-तीन माह में ठीक होने के बाद मरीज सामग्री बैंक को लौटा देता है, ताकि किसी जरूरतमंद के काम आ सके। इस अनोखे बैंक का नाम है ‘वात्सल्यधारा आधार बैंक’। जैन मुनि पुलकसागर महाराज की प्रेरणा से देश का पहला ‘वात्सल्यधारा आधार बैंक’ सन् 2012 में नागपुर में खुला। बैंक का संचालन अखिल भारतीय पुलक जन चेतना मंच द्वारा किया जाता है। पिछले पांच साल में तीन हजार से अधिक लोग मेडिकल किट का लाभ उठा चुके हैं।

उपयोग खत्म होने के बाद मरीज लौटा देते लोग
अक्सर देखने में आता है कि कोई व्यक्ति दुर्घटना का शिकार होता है या बीमार पड़ता है, तो डाक्टर उसे वाॅकर, व्हीलचेयर, कमोड चेयर, कमोड स्टूल, मेडिकल बेड, एयर बेड, वॉटर बेड लाने की सलाह देता है। यह सामग्री बाजार से खरीदनी पड़ती है, जो काफी महंगी है। पहले ही परेशान लोगों को 15-20 हजार रुपए की सामग्री खरीदना बड़ा मुश्किल होता है। बेड 25 हजार रुपए से ज्यादा में मिलता है और व्हीलचेयर की कीमत करीब 8-10 हजार है। इन चीजों का इस्तेमाल सिर्फ दो-तीन महीने किया जाता है। बाद में यह सामान घर में बेकार पड़ा रहता है।

इतने कम समय के लिए इतनी बड़ी रकम का निवेश करना पड़ता है। पैसे का जुगाड़ नहीं होने पर लोग सामग्री के लिए भटकते रहते हैं। कई लोग सामग्री किसी से मांगते हैं या किराए पर लाते हैं। ऐसे जरूरतमंद लोगों की सुविधा केे लिए अखिल भारतीय पुलक जन चेतना मंच ने वात्सल्यधारा आधार बैंक की गणेशनगर में स्थापना की। पुलकसागरजी द्वारा देशभर मेें चलाई जाने वाली योजना को ‘वात्सल्यधारा’नाम दिया जाता है। ‘आधार’ नाम नागपुर ने दिया है। बैंक के समन्वयक रमेश उदेपुरकर, शरद मचाले, अनंत शिवणकर, कुलभूषण डहाले हैं।

मेडिकल किट में होते हैं ये सामान
रमेश उदेपुरकर ने बताया कि वात्सल्यधारा आधार बैंक के पास 10 व्हीलचेयर, 15 वॉकर, 4 मेडिकल बेड, 6 कमोड स्टूल, 10 एयरबैग तथा अन्य सामग्री हैं। सबसे ज्यादा मांग व्हीलचेयर, वॉकर, मेडिकल बेड और एयरबैग की होती है। सामान साफ-सफाई कर दी जाती है। बैंक में सामग्री नहीं होने पर लोगों को नई सामग्री खरीद कर दी जाती है। घर पहुंच सुविधा भी प्रदान की जाती है।

व्हीलचेयर कारगर : व्हीलचेयर का लाभ वृद्ध मरीज उठा रहे हैं। मरीजों के लिए धूप सेंकना अनिवार्य है। वृद्ध मरीजों को घर से बाहर धूप में ले जाने के लिए व्हीलचेयर कारगर साबित हो रहा है। कई वृद्ध तीर्थयात्रा पर भी जा चुके हैं। 

अस्पताल करते हैं संपर्क : मेडिकल सहित अन्य अस्पताल वाले भी ‘वात्सल्यधारा आधार बैंक’ में मेडिकल किट के लिए संपर्क कर रहे हैं। आर्थोपेडिक विभाग वाले गरीब मरीजों को बैंक का नंबर देते हैं।

वात्सल्यधारा आधार बैंक के संयोजक मनोज बंड ने बताया कि बैंक द्वारा सामग्री सिर्फ जैन समाज के लिए नहीं, बल्कि हर जाति-धर्म के लोगों को सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। बैंक खुलने पर संस्था ने लोगों को आह्वान किया कि यदि आपके पास सामान हो, तो बैंक में जमा कराएं और जरूरत पड़ने पर लेकर जाएं। कुछ लोगों ने अपने घर से सामान लाकर दिया। कई लोगों ने अपने जन्मदिन पर सामग्री दान की। कुछ दिनों से डिपाजिट ली जा रही है, लेकिन सामग्री वापस करने पर पूरी रकम लौटाई जाती है।

Created On :   5 Feb 2018 5:50 PM IST

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