डॉक्टर का अंधविश्वास : बीमार महिला को ठीक नहीं कर सका तो बुलाया तांत्रिक, मौत
डिजिटल डेस्क, पुणे। इलाज करने में नाकाम डॉक्टर ने महिला के इलाज के लिए अंधविश्वास का सहारा लिया। महिला को जब इलाज से आराम नहीं मिला तो डॉक्टर ने तांत्रिक को बुला लिया। जिसने महिला मरीज को ठीक करने की कोशिश की। लेकिन दोनों की हरकतों के कारण महिला को जान गंवानी पड़ी। महिला की मौत जाने माने दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में हुई। हालांकि इस घटना का खुलासा एक वीडियो फुटेज से हुआ।
महिला का किया था ऑपरेशन
दत्तवाड़ी निवासी संध्या सोनावणे की उम्र 24 साल है। उसे गांठ संबंधी समस्या के चलते डॉ. सतीश चव्हाण के पास इलाज के लिए लाया गया था। जहां डॉक्टर ने उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया। उसके सीने में गांठ थी। जिसका ऑपरेशन डॉ. चव्हाण ने किया था। इसके बाद भी जब महिला की तबियत सुधरने की बजाय बिगड़ती गई। तो डॉ. चव्हाण ने महिला को दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां डॉ. चव्हाण महिला को देखने जाया करता था।
खुद लेकर पहुंचा तांत्रिक
महिला की स्थिति बिगड़ती देख डॉ. चव्हाण खुद एक तांत्रिक को लेकर अस्पताल के आईसीयू पहुंचा और महिला को ठीक करने के लिए तंत्र, मंत्र, जादू-टोने का सहारा लिया। इस बारे में महिला के रिश्तेदारों ने डॉ. चव्हाण से पूछा, तो उसने कहा कि उसकी भगवान, तांत्रिक पर श्रध्दा है, इसलिए वो ऐसा करवा रहा है। तांत्रिक ने डॉ. चव्हाण को अगले ऑपरेशन करने का समय बताया। उसने कहा कि दूसरा ऑपरेशन करने के बाद महिला ठीक हो जाएगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
काफी समय हुआ बर्बाद
डॉ. चव्हाण की इस करतूत में काफी समय बर्बाद हो गया। सही समय पर इलाज न मिलने के कारण महिला की हालत बिगड़ गईं और सोमवार को उसने दम तोड़ दिया। हालांकि डॉक्टर की इस हरकत को महिला के एक रिश्तेदार ने मोबाइल में कैद कर लिया। जिसका वीडियो वायरल होने के बाद डॉक्टर की करतूत जग जाहिर हो गई।
परिजन ने कहा कार्रवाई हो
महिला के भाई ने कहा कि डॉ. चव्हाण ने किसी की अनुमति लिए बगैर तांत्रिक को बुलाया था। उन्होंने गलत तरीके से ऑपरेशन किया। जिसके कारण बहन की जान चले गई। उन्होंने डॉक्टर के खिलाफ सख्स कार्रवाई की मांग की है।
महाराष्ट्र अंधश्रध्दा निर्मूलन समिति की जिला कार्याध्यक्ष नंदिनी जाधव ने कहा कि डॉ. नरेंद्र दाभोलकर के हत्यारे नहीं मिल रहे, अब तो महिला को ठीक करने के लिए डॉक्टर ने ही खुद तांत्रिक को बुलाया लिया। जो शर्मशार करनेवाली घटना है। इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की बात कही गई है।
उधर, डॉ. चव्हाण ने उन पर लगाए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वे जब महिला की तबियत के बारे में जानने के लिए अस्पताल गए थे, तब उनकी पहचान के गुरूजी मिले थे। महिला से मिलते समय वे साथ थे। इसके बाद उन्हें किसी अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर अस्पताल बंद करवाने की धमकी दी थी।
Created On :   13 March 2018 11:28 PM IST