1947 के भारत-पाक युद्ध में अहम रोल निभाने वाला एयरक्राफ्ट IAF को गिफ्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम रोल निभाने वाला डकोटा एयरक्राफ्ट एक बार फिर इंडियन एयरफोर्स में शामिल होगा. एयरक्राफ्ट में बदलाव करते हुए इसे इंडियन एयरफोर्स को दिया गया है. इसे राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने IAF को गिफ्ट किया है। एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ के मुताबिक, "मिलिट्री हिस्टोरियन पुष्पिंदर सिंह ने कहा था कि आज हमारे पास कश्मीर के पुंछ का इलाका है तो इसकी वजह डकोटा एयरक्राफ्ट है।"
राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने बताया, "ये मुझे 2011 में मिला था और ये उन लोगों के सम्मान के लिए सबसे अच्छा है, जिन पर देश को नाज है। इस एयरक्राफ्ट को खोजना और इसका रेस्टोरेशन (नवीनीकरण) एक चैलेंज था।" उन्होंने बताया कि एयक्राफ्ट के अपग्रेडेशन और रेस्टोरेशन में IAF की ओर से मदद की गई। इसे परशुराम नाम दिया गया है और इसकी टेल पर VP 905 नंबर रहेगा। इसमें नेविगेशन सिस्टम को भी अपग्रेड किया गया है। इस विमान ने इंडो-पाक वार में सैनिकों को जम्मू-कश्मीर पहुंचाया था।
डकोटा के डाक्यूमेंट्स मंगलवार को एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ को सौंपे गए। ये एयरक्राफ्ट अभी ब्रिटेन की कोवेंट्री एयरफील्ड में रखा गया है। ये अगले महीने भारत के लिए उड़ान भरेगा। भारत में इसका पहला स्टॉप जामनगर रहेगा, वहां से ये हिंडन एयरबेस (यूपी) लाया जाएगा।"
धनोआ के मुताबिक, "मिलिट्री हिस्टोरियन पुष्पिंदर सिंह ने कहा था कि डकोटा एयक्राफ्ट्स की वजह से ही आज पुंछ हमारे पास है। इन एयक्राफ्ट्स में बांग्लादेश की आजादी में भी मदद की।"
"लद्दाख और नॉर्थईस्ट रीजन में डकोटा का इस्तेमाल किया जाता था। 1947 में इन्होंने कश्मीर घाटी को बचाने के वक्त अहम रोल निभाया।" 27 अक्टूबर 1947 को ये एयरक्राफ्ट्स आर्मी की 1 सिख रेजिमेंट के जवानों को श्रीनगर लेकर गए थे। इसके अलावा ये शरणार्थियों और सामान को भी ले गए।
Created On :   13 Feb 2018 8:37 PM IST