बुलंदशहर हिंसा मामले में ASP रईस अख्तर पर गाज, मनीष मिश्रा को मिला चार्ज
- एएसपी मनीष मिश्रा को उनकी जगह नियुक्त किया गया है।
- एडिशनल सुप्रिटेंडेंट ऑफ पुलिस (रूरल) रईस अख्तर को PAC हेडक्वाटर भेज दिया गया है।
- बुलंदशहर हिंसा मामले में रविवार को एक और सीनियर पुलिस ऑफिसर का ट्रांसफर कर दिया गया।
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। बुलंदशहर हिंसा मामले में रविवार को एक और सीनियर पुलिस ऑफिसर का ट्रांसफर कर दिया गया। एडिशनल सुप्रिटेंडेंट ऑफ पुलिस (रूरल) रईस अख्तर को PAC हेडक्वाटर भेज दिया गया है। एएसपी मनीष मिश्रा को उनकी जगह नियुक्त किया गया है। बता दें कि गोकशी को लेकर बुलंदशहर में हुई हिंसा में एक पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या कर दी गई थी। वहीं एक युवक को भी फायरिंग में अपनी जान गवानी पड़ी थी। इस मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई थी।
यह कदम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार के उस कदम के बाद उठाया गया है जिसमें सीनियर सुप्रिडेंडेंट ऑफ पुलिस (SSP) कृष्ण बहादुर सिंह का ट्रांसफर DG हेडक्वाटर लखनऊ, स्याना सर्किल ऑफिसर DSP सत्य प्रकाश शर्मा का ट्रांसफर पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज मोरादाबाद और चिंगरावती पुलिस स्टेशन इन-चार्ज सुरेश कुमार को ललितपुर भेज दिया गया है। ADG इंटेलिजेंस एसबी श्रीधर ने इस मामले की रिपोर्ट चीफ मिनिस्टर को सौंपी थी जिसके बाद सीएम ने ये फैसला लिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट में पुलिस की भी लापरवाही की बात कही गई है।
बता दें कि पुलिस ने बुलंदशहर मामले में अब तक दस आरोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन मुख्य आरोपी और बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। शनिवार रात को इंडियन आर्मी ने उस जवान को भी पुलिस के हवाले कर दिया जो इंस्पेक्टर सिंह की हत्या के आरोपियों में से एक है। आर्मी ने जवान जितेन्द्र मलिक जिसे जीतू फौजी के नाम से भी जाना जाता है को शुक्रवार को कश्मीर में आर्मी यूनिट से हिरासत में लिया गया था। कोर्ट में पेश करने से पहले सीनियर पुलिस ऑफिसर अभिषेक सिंह ने कहा था कि मलिक एक वीडियो में हिंसा को भड़काते हुए और गोली चलाते हुए दिखाई दिया था।
गौरतलब है कि गोकशी के शक में 300-400 लोगों की भीड़ ने बुलंदशहर के स्याना में हिंसक प्रदर्शन किया था। जिसमें एक पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध सिंह समेत दो लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में 50 से ज्यादा लोगों की खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 333, 353, 427, 436, 394, 147, 148, 149, 307 और 7 क्रिमिनल अमेंडमेंट लॉ के तहत FIR दर्ज की है। पुलिस योगेश राज के इस मामले का मुख्य आरोपी बता रही है। योगेश राज वहीं शख्स है जिसने गोमांस मिलने के बाद सबसे पहले थाने में FIR दर्ज करवाई थी। इस मामले की जांच के लिए SIT का भी गठन किया है।
Created On :   9 Dec 2018 5:30 PM IST