राहुल की मनुहार, जदयू का उपराष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस को समर्थन

After the intervention of Rahul, the differences end between the Congress and JDU
राहुल की मनुहार, जदयू का उपराष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस को समर्थन
राहुल की मनुहार, जदयू का उपराष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस को समर्थन

डिजिटल डेस्क, पटना। राष्ट्रपति चुनाव में राजग के उम्मीदवार का समर्थन किए जाने से कांग्रेस और जदयू के बीच गहरा विवाद संभवत: राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद समाप्त हो गया है। राहुल गांधी ने अपनी पार्टी नेताओं से नीतीश कुमार के खिलाफ नहीं बोलने का निर्देश दिया है। जदयू ने भी इस दिशा में सकारात्मक रुख अपनाते हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साथ होने के संकेत दिए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नीतीश कुमार का मजबूती से पक्ष लेते हुए अपने पार्टी के नेताओं से जदयू प्रमुख की आलोचना करने से दूर रहने का निर्देश दिया है। बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी ने अपने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ दिल्ली में इस सप्ताह के शुरुआती दौर में मुलाकात की थी। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो राहुल ने बैठक में चौधरी को नीतीश के खिलाफ बयान जारी करने वाले पार्टी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के संकेत दिए थे।

नीतीश के साथ बेहतर संबंध रखने में यकीन करने वाले राहुल के इस हस्तक्षेप के बाद कांग्रेस और जदयू में मतभेद संभवत: समाप्त हो गए हैं। इन दोनों दलों के बीच मतभेद समाप्त होने की बात ऐसे समय सामने आई है, जब विपक्षी दलों की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार अपने तीन दिवसीय दौरे पर आज बिहार आ रही हैं। मीरा आज यहां कांग्रेस और राजद के विधायकों और सांसदों से मुलाकात करेंगी पर उनकी नीतीश के साथ मुलाकात तय नहीं है।

उपराष्ट्रपति पर विपक्ष को समर्थन

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव के सी त्यागी ने आज कहा कि आगामी अगस्त महीने में होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर विचार विमर्श करने के लिए अगर विपक्षी दलों द्वारा अगर उनकी पार्टी को आमंत्रित किया तो निश्चित तौर पर हम उसमें भाग लेंगे। त्यागी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार का समर्थन करेगी अगर इसको लेकर जदयू से संपर्क साधा जाता है और बैठक में बुलाया जाता है।

यह पूछे जाने पर क्या वे उक्त बैठक में वे शामिल होंगे, त्यागी ने कहा कि इसबारे में उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार और वरिष्ठ नेता शरद यादव निर्णय लेंगे। बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि जदयू उपराष्ट्रपति चुनाव में हम लोगों के साथ होगी।

ऐसे छिड़ा था विवाद

कांग्रेस और जदयू के बीच विवाद नीतीश कुमार द्वारा 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने पर छिड़ा था। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने नीतीश पर प्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए कहा था कि जो एक विचारधारा रखते हैं वह एक निर्णय लेते हैं जबकि जिनकी कई विचारधारा होती है वे अलग अलग निर्णय लेते हैं। आजाद की इस टिप्पणी के बाद प्रदेश के कुछ कांग्रेस नेताओं ने भी जदयू प्रमुख पर वार किया था।

नीतीश ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा था, 'बिहार की बेटी को हराने के लिए क्यों चुना गया। संप्रग सरकार के कार्यकाल के दो बार अवसर आए थे उस समय क्यों नहीं उन्हें उम्मीदवार बनाया।' आजाद की टिप्पणी पर जदयू ने भी पलटवार करते हुए कहा कि वह किसी की पिछलग्गु नहीं है। नीतीश के राजग उम्मीदवार राम नाथ कोविंद का उनके व्यक्त्वि को लेकर समर्थन किए जाने पर बिहार की महागठबंधन के घटक दलों कांग्रेस, राजद और जदयू के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था।

 

Created On :   6 July 2017 10:32 PM IST

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