पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का दौर जारी, राहत के आसार नहीं
- दिल्ली में 81.00 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल
- पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी
- मुंबई में 88.39 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का दौर जारी है। कुछ राज्यों की सरकारों ने वैट कम कर जनता को राहत देने का प्रयास किया है। वहीं गुरुवार को दिल्ली में पेट्रोल 0.13 पैसे प्रति लीटर बढ़कर 81.00 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है। डीजल का रेट भी 0.11 पैसे प्रति लीटर बढ़कर 73.08 रुपए प्रति लीटर हो गया है। दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों ने 80 रुपए प्रति लीटर का आंकड़ा पिछले सप्ताह ही पार कर लिया था। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में गुरुवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर 11 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। एक लीटर पेट्रोल 88.39 और डीजल 77.58 रुपए प्रति लीटर की दर से बिक रहा है।
Petrol at Rs 81.00/litre (increase by Rs 0.13/litre) and diesel at Rs 73.08/litre (increase by Rs 0.11/litre) in Delhi. Petrol at Rs 88.39/litre (increase by Rs 0.13/litre) and diesel at Rs 77.58/litre (increase by Rs 0.11/litre) in Mumbai. pic.twitter.com/hbCt2l0IJ7
— ANI (@ANI) September 13, 2018
दामों को कम करने लगाई याचिका खारिज
रोजाना पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर रोक की मांग को लेकर लगी याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के रेट बढ़ने का मामला देश की अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस पर सुनवाई न हीं हो सकती। हाईकोर्ट में लगी जनहित याचिका में पेट्रोलियम कंपनियों और सरकार के रोजाना दाम बढ़ाने पर रोक लगाने की मांग रखी गई थी। याचिका में मांग की गई थी कि हाई कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप कर निर्देश जारी करे। हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि जब कर्नाटक में चुनाव चल रहा था तो तकरीबन 20 दिनों तक फ्यूल के दाम नहीं बढ़े। ऐसे में केंद्र सरकार की ये दलील सही नहीं है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर उनका नियंत्रण नहीं है।
और बढ़ सकती हैं कीमतें
विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले वक्त में भारतीय बाजारों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और इजाफा हो सकता है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफे के पीछे रुपया एक बड़ा कारण है। रुपये में जारी गिरावट के कारण ही तेल कंपनियां लगातार कीमतों में बदलाव कर रही हैं। दरअसल, कंपनियां डॉलर में तेल का भुगतान करती हैं, जिसकी वजह उन्हें अपना मार्जिन पूरा करने के लिए तेल की कीमतों को बढ़ाना पड़ रहा है। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर टैक्स कम करे और इसे जीएसटी के दायरे में लाए, लेकिन केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के लिए अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों को जिम्मेदार ठहरा रही है।
Created On :   13 Sept 2018 8:00 AM IST