Farmers Protest: कृषि मंत्री ने शरजील इमाम के पोस्टर का मसला उठाया, बोले- यह किसान का मुद्दा कैसे हो सकता है?

Agriculture Minister Tomar raised the issue of the poster of Sharjeel Imam
Farmers Protest: कृषि मंत्री ने शरजील इमाम के पोस्टर का मसला उठाया, बोले- यह किसान का मुद्दा कैसे हो सकता है?
Farmers Protest: कृषि मंत्री ने शरजील इमाम के पोस्टर का मसला उठाया, बोले- यह किसान का मुद्दा कैसे हो सकता है?
हाईलाइट
  • किसान आंदोलन में उमर खालिद-शरजील इमाम की रिहाई के पोस्टर से कंट्रोवर्सी
  • कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को शरजील इमाम के पोस्टर का मसला उठाया

नई दिल्ली। किसान आंदोलन में उमर खालिद-शरजील इमाम की रिहाई के पोस्टर ने एक नई कंट्रोवर्सी पैदा कर दी है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को शरजील इमाम के पोस्टर का मसला उठाया। कृषि मंत्री ने कहा कि एमएसपी, एएमपीसी और अन्य मुद्दे किसानों से संबंधित हैं, लेकिन ये पोस्टर किसान का मुद्दा कैसे हो सकते हैं? यह खतरनाक है और यूनियनों को इससे खुद को दूर रखना चाहिए। यह सिर्फ मुद्दों को हटाने और विचलित करने के लिए है।

बता दें कि भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) ने गुरुवार को टिकरी बॉर्डर के पास अपने स्टेज पर एक कार्यक्रम किया। इसमें उमर खालिद, शरजील इमाम, गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव और आनंद तेलतुंबडे जैसे एक्टिविस्ट के पोस्टर-बैनर नजर आए।  इन एक्टिविस्टों के पोस्टर-बैनर के जरिए मांग की जा रही थी कि गिरफ्तार बुद्धिजीवियों और छात्रों को रिहा किया जाए। इस मामले में भारतीय किसान यूनियन एकता का कहना है कि मानवाधिकार दिवस के दिन हम इन लोगों कि रिहाई की मांग कर रहे थे, क्योंकि इन लोगों ने जन और जंगल की लड़ाई लड़ी है। इनको सरकार ने गलत फंसाया है, इसलिए हम इनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं। 

वहीं अन्य किसान नेताओं ने इस पोस्टर की जानकारी होने से इनकार किया। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा ऐसे लोगों के साथ कोई संबंध नहीं है। यह सिर्फ किसानों का आंदोलन है। सरकार को देखना चाहिए कि ऐसा करने वाले लोग कौन हैं। बता दें कि जिन लोगों की रिहाई की मांग हो रही है उनपर संगीन मामलो के तहत केस दर्ज हैं। कुछ तो ऐसे हैं जिन पर UAPA के तहत केस दर्ज है। जिसमें उमर खालिद और शरजील इमाम जैसे लोग शामिल हैं।

भारतीय जनता पार्टी के नेता और वकील गौरव भाटिया ने भी गुरुवार को अपने ट्विटर हैंडल से इसकी एक तस्वीर ट्वीट की थी। इस तस्वीर में किसानों के हाथ में दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम और उमर खालिद सहित गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव और आनंद तेलतुंबडे जैसे एक्टिविस्ट को रिहा करने की मांग की गई। अपने ट्वीट में गौरव भाटिया ने लिखा, उमर खालिद और शरजील इमाम कब से किसान बन गए। हम किसानों के साथ तो बात करेंगे, लेकिन उमर और शरजील भारत विरोधी मानसिकता का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके जैसे लोगों के लिए जेल ही सही जगह है।

 

Created On :   11 Dec 2020 11:17 AM GMT

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