अब आप अपना स्किन भी कर सकेंगे डोनेट, एम्स बनाएगा स्किन बैंक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एम्स जल्द ही एक स्किन बैंक बनाने वाला है। इसके लिए अस्पताल का प्लास्टिक, रिकंस्ट्रक्टिव और बर्न सर्जरी विभाग शवों की त्वचा दान करने के लिये एक जागरूकता अभियान भी शुरू करने वाला है।
यह बात एम्स ट्रामा सेंटर के प्रमुख डॉ. राजेश मल्होत्रा ने शुक्रवार को कही। मल्होत्रा ने कहा कि अस्पताल इसके लिए रेग्यूलेटरी की मंजूरी हासिल करने की प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि हम शवों की त्वचा से संक्रमण हटाने के लिये उपकरणों को खरीदने की प्रक्रिया में भी जुटे हैं।
एम्स में स्किन बैंक शुरू होने के बाद गंभीर रूप से जले और दुर्घटना या सर्जरी के दौरान खराब हुई स्किन को दान की गई स्किन से बदला जा सकेगा। इस प्रक्रिया के तहत मरीज को जख्म लगे भाग की स्किन निकालकर उसे दान में मिली स्किन से बदला जा सकेगा। कृत्रिम स्किन ट्रांसप्लांट को महंगा बताते हुए डॉ. मल्होत्रा ने कहा, 'भारत में जो कृत्रिम स्किन उपलब्ध है, उस पर अमेरिकी कंपनी का पेटेंट है। यह बहुत महंगी होती है। ऐसे में स्किन बैंक बनाकर सस्ती स्किन को उपलब्ध कराया जा सकता है।'
मौत के 6 घंटे के भीतर निकाल सकते हैं स्किन
प्लास्टिक, रिकंस्ट्रक्टिव और बर्न सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. मनीष सिंघल ने बताया कि स्किन डोनेशन के बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लोग आंख डोनेट कर सकते हैं, वे स्किन भी डोनेट कर सकते हैं। लेकिन अस्पतालों में इसकी कम फेसिलिटि और कम जानकारी के चलते लोग स्किन डोनेट नहीं कर पाते हैं। उन्होंने स्किन निकालने की प्रक्रिया को समझाते हुए कहा, 'एक आदमी के मरने के 6 घंटों के अंदर मृत शरीर से स्किन निकाल ली जाती है और विशेष तकनीक की मदद से इसे कुछ सालों तक स्टोर किया जा सकता है।' उन्होंने कहा कि लोगों के बीच यह भ्रांतियां हैं कि स्किन निकालने के बाद शरीर अजीब दिखता है। यह बिल्कुल गलत है। उन्होंने बताया कि मृत शरीर के कुछ हिस्सों से ही स्किन निकाली जाती है और इससे शरीर अजीब नहीं दिखता है।
Created On :   14 July 2017 10:01 PM IST