सुखोई-30 एमकेआई विमान से वायुसेना ने दागी ब्रह्मोस मिसाइल, टारगेट पर रखे जहाज को भेदा

Air Force fired BrahMos missile from Sukhoi-30 MKI aircraft, pierced the ship kept on target
सुखोई-30 एमकेआई विमान से वायुसेना ने दागी ब्रह्मोस मिसाइल, टारगेट पर रखे जहाज को भेदा
दुश्मन के छक्के छुड़ाने में सक्षम सुखोई-30 एमकेआई विमान से वायुसेना ने दागी ब्रह्मोस मिसाइल, टारगेट पर रखे जहाज को भेदा
हाईलाइट
  • वायुसेना ने सुखोई-30MKI से दागी ब्रह्मोस मिसाइल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने मंगलवार को सुखोई फाइटर जेट से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। ये परीक्षण पूर्वी समुद्री तट पर सफलतापूर्वक किया गया था। वायुसेना के मुताबिक मिसाइल अपने लक्ष्य को भेदने में कामयाब रही। वायुसेना ने ब्रह्मोस मिसाइल का टारगेट भारतीय नौसेना के एक खराब जहाज को बनाया था। जिस पर सुखोई-30 एमकेआई विमान से सीधा प्रहार किया गया। भारतीय वायुसेना के अनुसार, यह मिशन नौसेना के साथ निकट समन्वय में शुरू किया गया था।

गौरतलब है कि इससे पहले, भारत ने 23 मार्च को सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। यह परीक्षण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में किया गया था। बीते 13 मार्च को भी इसी मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। इस मिसाइल से 800 किलोमीटर तक की दूरी तक दुश्मनों को निशाना बनाया जा सकता है। 

जानें ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में

ब्रह्मोस(BrahMos) में Brah का मतलब है, ब्रह्मपुत्र और Mos का मतलब मोस्कवा है। मोस्कवा रूस में बहने वाली एक नदी का नाम है। इन्हीं दो नदियों के नाम पर इस मिसाइल का नाम ब्रह्मोस पड़ा है। ब्रह्मोस की गिनती 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में की जाती है। ये मिसाइल 4300 किलोमीटर प्रति घंटा के रफ्तार से दुश्मन के ठिकाने को तबाह करने में सक्षम है। ब्रह्मोस दुनिया की इकलौती मिसाइल है, जिसे सतह, हवा और पानी तीनों ही जगहों से लॉन्च किया जा सकता है। ब्रह्मोस का नाम सुनते ही दुश्मन देश के पसीने छूट जाते हैं। 


 

Created On :   19 April 2022 6:24 PM GMT

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