अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का फरमान- महिलाओं से अकेले में न मिलें साधु-संत

Akhada parishad suggested avoid meeting women in lonely places
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का फरमान- महिलाओं से अकेले में न मिलें साधु-संत
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का फरमान- महिलाओं से अकेले में न मिलें साधु-संत

डिजिटल डेस्क, देहरादून। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कहा है कि साधु संतों को महिलाओं से अकेले में नहीं मिलना चाहिए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत महेंद्र गिरि ने साधु संतों पर लगातार लगाए जा रहे रेप के आरोपों को देखते हुए साधु-संतों को महिलाओं से अकेले नहीं मिलना चाहिए। अगर मिलना जरूरी हो तो परिवार की मौजूदगी में ही महिलाओं से मुलाकात की जानी चाहिए। 

महिलाओं से बनाएं दूरी 
उन्होंने कहा कि संत समाज महिलाओं का सम्मान करता है। लेकिन उनकी अधिक निकटता से परहेज किया जाना चाहिए। उन्हें अकेले आश्रम में नहीं रुकने देना चाहिए। इससे संत समाज पर लग रहे आरोपों पर अंकुश लगाया जा सकेगा। उन्होंने कहा यह चिंताजनक है कि हाल के दिनों में अनेक ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनके बाद साधु-संतों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाने लगे हैं। लोग पूरी धर्म परंपरा का मजाक उड़ा रहे हैं। यह बेहद चिंताजनक बात है। 

अनेक साधु-संतों ने किया समर्थन
अनेक साधु-संतों ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के सुझाव का समर्थन किया है। आखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के आग्रह का असर हरिद्वार स्थित सिद्धपीठ श्रीदक्षिण काली मंदिर के महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी के यहां देखने को मिला। कैलाशानंद ब्रह्मचारी के के विश्राम कक्ष के बाहर बाकायदा बोर्ड लगाया गया है जिस पर लिखा है बाबा के विश्राम कक्ष में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। उन्होंने कहा अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की बात पूरी तरह ठीक और समयानुकूल है। इसके अलावा कुछ और साधु संतों ने भी अखाडा़ परिषद के सुझाव पर अमल करते हुए महिलाओं से दूरी बना ली है।  

बयान महिलाओं का अपमान
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता बाबा हठयोगी दिगंबर ने अखाडा परिषद के बयान पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद का यह बयान महिलाओं को अपमानित करने वाला है। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद अपने संतों पर लगाम लगाए। उसे नारी जाति का अपमान नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा अखाड़ा परिषद के बयानों से लगता है कि जैसे आश्रम आने वाली सभी महिलाएं चरित्रहीन हों। उन्होंने कहा महामंडलेश्वर स्वयं चेलियां बना रहे हैं। उन्होंने कहा संतों पर यह अंकुश भी लगाया जाना चाहिए कि वे केवल पुरुषों को ही अपना शिष्य बनाएं।  

लोग ठोक-बजा कर बनाएं गुरू
उन्होंने कहा कुछ साधु-संतों की कमजोरी को सभी साधु-संतों पर थोपना ठीक नहीं है। ऐसा प्रचार किया जा रहा है जैसे सारे साधु-संत महिलाओं के पीछे भाग रहे हैं। उन्होंने कहा हाल के दिनों में अनेक साधु वेषधारी लोग चर्चा में रहे हैं। कुछ जेल में सजा काट रहे हैं। उनके आचरण को गौर से देखने पर सहज ही पता चल जाता है कि वे वास्तव में संत नहीं हैं। लोगों को भी साधु संग करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे वास्तविक साधुओं की ही संगत करें। अधकचरे साधु-संतों की संगत करने से ही समस्याएं पैदा होती हैं।   

Created On :   6 Oct 2017 9:25 PM IST

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