फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी करने वाले अखाड़ा के महंत मोहनदास गायब

डिजिटल डेस्क, देहरादून। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महंत मोहनदास बीते तीन दिनों से गायब हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने आशंका जताई है कि उनका अपहरण उन्हीं फर्जी घोषित बाबाओं के अनुयायियों ने किया हो सकता है, जिनका जिक्र अखाड़ा परिषद की दस सितंबर को इलाहाबाद में जारी सूची में किया गया है। महंत मोहन दास 15 सितंबर को हरिद्वार से मुंबई जाने वाली ट्रेन में सवार हुए थे। इसके बाद से उनका कोई पता नहीं है। काफी खोजबीन के बाद हरिद्वार में उनके गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों वाली शीर्ष संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि महंत दास ने मुझे बताया था कि उन्हें उन बाबाओं के अनुयायियों से लगातार घमकियां मिल रही हैं, जिन्हें फर्जी बाबाओं की सूची में स्थान दिया गया है। महंत नरेंद्र गिरि ने बताया हमने तमाम धमकियों को नजरअंदाज करते हुए फर्जी बाबाओं की सूची जारी की है। मेरा अनुमान है कि उनका अपहरण किया गया है। वह 15 सितंबर को हरिद्वार से मुंबई जाने वाली एक ट्रेन पर सवार हुए थे। इसके बाद से उनसे संपर्क नहीं किया जा सका है।
काफी खोजबीन के बाद इस संबंध में हरिद्वार पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करा दी गई है। अध्यक्ष गिरि के नेतृत्व में अखाड़ा परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार और स्थानीय विधायक मदन कौशिश से मिला। अग्नि अखाड़ा के महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि महंत दास को खोजने के लिए पुलिस को चौबीस घंटे का समय दिया गया है। अगर इस दौरान उनका पता नहीं लगाया जा सका, तो बड़े पैमाने पर आंदोलन चलाया जाएगा।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में उसके हाथ महंद दास के अपरहण का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। कृष्ण कुमार ने बताया महंत दास के अपहरण के पीछे की वजह पता लगाना बेहद कठिन काम है। मामले की छानबीन की जा रही है। उन्होंने बताया जांच में उत्तर प्रदेश पुलिस, दिल्ली पुलिस, मुंबई पुलिस और मध्यप्रदेश की भी सहायता ली जा रही है।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत गिरि ने बताया कि बीते दस सितंबर को 14 फर्जी बाबाओं की सूची जारी किए जाने के बाद से ही विभिन्न आश्रमों और गुरुमीत राम रहीम के अनुयायियों द्वारा जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। उन्होंने कहा महंत दास की गुमशुदगी इसी का नतीजा है।
Created On :   18 Sept 2017 10:36 PM IST