किसानों को लेकर वित्त मंत्री की घोषणा सफेद झूठ : किसान समिति
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने बजट 2018 में किसानों को लागत से डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य देने की घोषणा को सफेद झूठ और किसानों के साथ मजाक करार दिया है। समिति के संयोजक वीएम सिंह ने यहां समिति की हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद कहा कि सच्चाई यह है कि गत 4 वर्षों में सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य भी किसानों को नहीं मिला है।
सरकार ने लागत की परिभाषा ही बदल दी
सिंह ने यहां कहा कि वित्त मंत्री अरूण जेटली की यह बात सफेद झूठ है कि रबी फसल में लागत से डेढ़ गुणा दिया जा रहा है तथा खरीफ में लागत से डेढ़ गुणा दिया जाएगा। सरकार ने षड़यंत्र पूर्वक लागत की परिभाषा बदल कर उसे कम दिया है और जो समर्थन मूल्य पहले से घोषित किया था, उसी को डेढ़ गुणा बताकर स्वामीनाथन की सिफारिश बता दिया।
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बजट में वित्त मंत्री ने बाजार में दाम गिरने पर हस्तक्षेप कर नुकसान की भरपाई की बात की है, पर उन्होंने उसके लिए बजट में केवल 200 करोड़ का आवंटन किया है, जो एक जिले के लिए भी काफी नहीं है। यह किसानों के साथ क्रूर मजाक है। वीएम सिंह ने कहा कि सरकार केवल वाहवाही लूटने के लिए ऐसी घोषणाएं कर रही है। वास्तव में वह किसानों और देश के आम नागरिकों की आंखों में धूल झोंक रही है।
किसान संघर्ष समिति का मानना है कि यदि सरकार ने वर्ष 2014 में ही लागत से डेढ़ गुणा मूल्य असल में दे देती तो किसानों का कर्ज इतना नहीं बढ़ता। बढ़े कर्ज के लिए पूरी तरह सरकार जिम्मेदार है। उन्होने कहा कि किसानों को उम्मीद थी कि पेट्रोल, डीजल, बीज, खाद आदि के दाम घटाए जाएंगे, पर सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की।
Created On :   2 Feb 2018 11:29 PM IST