SC/ST: सरकार के बचाव में अमित शाह की सफाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एससी-एसटी ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देशभर में फैले हिंसा ने मोदी सरकार को नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया है। इस पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट करते हुए पार्टी का पक्ष रखा है। शाह ने ट्वीट में लिखा है, "यह स्क्रिप्ट अब पुरानी हो चुकी है। हर चुनाव से पहले एक ही दल अपने हितों के लिए आगे आ जाता है और रिजर्वेशन को लेकर पैनिक फैलाने का काम करता है। बीजेपी अपना स्टैंड साफ कर रही है, हम बाबासाहेब के संविधान और दलितों को मिले अधिकारों में पूरा विश्वास रखते हैं।"
बीजेपी अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सरकार की ओर से रिव्यू पिटिशन में देरी करने के विपक्ष के आरोपों पर भी जवाब दिया। शाह ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही केंद्र सरकार ने सही ढंग से काम करना शुरू कर दिया। दलित समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए एक प्रभावाशी रिव्यू पिटिशन दाखिल कर दी गई है।"
एससी-एसटी ऐक्ट पर केंद्र सरकार की रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को ओपन कोर्ट सुनवाई हुई। जस्टिस एके गोयल और जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए साफ कहा कि कोर्ट इस एक्ट के खिलाफ नहीं है, लेकिन किसी निर्दोष को सजा नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि "जो लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे हैं, उन लोगों ने फैसले को ठीक तरीके से नहीं पढ़ा है।" कोर्ट ने ये भी कहा कि "हमें पता है कि लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा कैसे करनी है। आखिर क्यों सरकार किसी व्यक्ति को बिना जांच-पड़ताल के पकड़ना चाहती है।" इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि SC/ST एक्ट के तहत जो व्यक्ति शिकायत कर रहा है, उसे मुआवजा मिलना चाहिए।
इस मसले पर मंगलवार को लोकसभा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि "देश के कई हिस्सों में हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुई हैं। जिनमें 8 लोगों की मौत हुई, इसमें मध्य प्रदेश में 6, उत्तर प्रदेश में 1 और राजस्थान में 1 की मौत हुई।" उन्होंने कहा "इस केस में भारत सरकार पार्टी नहीं थी। संविधान में SC/ST के लोगों को पूरी तरह से सुरक्षा दी गई है और सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार ने इस एक्ट में कोई भी बदलाव नहीं किया।"
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी एक्ट पर दिए फैसले के खिलाफ सोमवार को दलित संगठनों ने भारत बंद बुलाया था, जिससे 12 राज्यों में जमकर हिंसा और तोड़फोड़ हुई। इस दौरान देशभर में 14 लोगों की मौत हो गई, मध्य प्रदेश में ही अकेले 7 लोगों को पानी जान गंवानी पड़ी।
Created On :   3 April 2018 7:22 PM IST