लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा नहीं देगी केंद्र सरकार : अमित शाह
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमित शाह ने मंगलवार को लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा नहीं देने की बात कही। उन्होंने वीरशैव लिंगायत को हिंदुओं को बांटने वाला बताया है। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, "मैं ये भरोसा दिलाता हूं कि इसे बंटने नहीं दिया जाएगा। जब तक बीजेपी है कोई बंटवारा नहीं होगा। हम इसको लेकर प्रतिबद्ध हैं।" शाह के मुताबिक लिंगायत समुदाय के सभी महंतों का कहना है कि वे समुदायको बंटने नहीं देना चाहते हैं। शाह का कहना है कि जब तक बीजेपी है कोई बंटवारा नहीं होगा।
अमित शाह ने वीरशैव लिंगायत के महंतों से कहा, "लिंगायत समुदाय को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने की राज्य सरकार की सिफारिश को केंद्र सरकार नहीं मानेगी।" बता दें कि अमित शाह ने इससे पहले भी लिंगायत समुदाय को धार्मिक अल्पसंख्यकों का दर्जा देने का विरोध किया है। बीजेपी अध्यक्ष ने सिद्धारमैया सरकार पर आरोप लगाया था, "कांग्रेस लिंगायत समुदाय को बांटने के लिए यह कदम उठा रही है। वो लिंगायतों से प्रेम नहीं करते हैं, बल्कि उनका मकसद येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनने से रोकना है।"
गौरतलब है कि कर्नाटक कैबिनेट ने 19 मार्च को लिंगायत और वीरशैव लिंगायतों को धार्मिक अल्पसंख्यकों का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश की थी। कर्नाटक सरकार ने नागमोहन समिति की सिफारिशों को स्टेट माइनॉरिटी कमीशन ऐक्ट की धारा 2डी के तहत मंजूरी दी है। कांग्रेस ने लिंगायत धर्म को अलग धर्म का दर्जा देने का समर्थन किया है। वहीं, बीजेपी अब तक लिंगायतों को हिंदू धर्म का ही हिस्सा मानती रही है।
लिंगायत समुदाय के चित्रदुर्ग मठ के महंत शिवमूर्ति मुरुघा शरानारु ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र में कहा, "कांग्रेस का लिंगायतों को अलग धर्म का दर्जा देने का प्रस्ताव सही है। यह समुदाय को बांटने के लिए उठाया गया कदम नहीं है बल्कि यह लिंगायतों की उपजातियों को संगठित करने के लिए किया गया प्रयास है।" उल्लेखनीय है कि 225 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के लिए 224 सीटों पर एक ही चरण में मतदान होगा। 1 सीट पर एंग्लो-इंडियन समुदाय के सदस्य को मनोनीत किया जाता है।
Created On :   3 April 2018 11:31 PM IST