BHU में मिलता है दलितों को आरक्षण, AMU और जामिया में क्यों नहीं? : सीएम योगी
- उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दलितों पर राजनीति करने वालों को एक नसीहत दी है।
- उन्होंने कहा
- जब बनारस हिंदू विश्वविद्यालय दलितों और पिछड़ी जातियों को आरक्षण दे सकता है तो AMU और जामिया क्यों नहीं?'
- वर्तमान में विश्वविद्यालय में धार्मिक आधार पर कोई आरक्षण नहीं है।
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दलितों पर राजनीति करने वालों को एक नसीहत दी है। उन्होंने कहा है कि दलितों की आवाज बनने का ढोंग करने वाले नेताओं को अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी और जामिया मिलिया युनिवर्सिटी में दलितों के आरक्षण की मांग करनी चाहिए। एक रैली में उन्होंने कहा, "वे लोग जिन्हें लगता है कि वर्तमान में दलितों को प्रताड़ित किया जा रहा है, उनसे यह पूछा जाना चाहिए कि वे अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी और जामिया मिलिया युनिवर्सिटी में दलितों को आरक्षण दिए जाने की मांग क्यों नहीं करते? जब बनारस हिंदू विश्वविद्यालय दलितों और पिछड़ी जातियों को आरक्षण दे सकता है तो AMU और जामिया क्यों नहीं?"
Those who are saying that Dalits are being discriminated against must be asked when will they raise issue of reservation for Dalits in Aligarh Muslim University Jamia Millia University? When BHU can provide reservation for Dalits backward students, why not AMU?: UP CM (24.06) pic.twitter.com/U22xmcxxQp
— ANI UP (@ANINewsUP) June 25, 2018
योगी ने ये बात कन्नौज में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही। रविवार को हुई इस जनसभा में योगी ने यह भी कहा कि जो लोग वाकई दलितों की चिंता करते हैं, उन्हें इन अल्पसंख्यक संस्थानों में भी उनके आरक्षण की मांग करनी चाहिए। योगी ने यह भी कहा कि वर्तमान राज्य और केन्द्र सरकार पर विपक्षी पार्टियां लगातार दलितों और अल्पसंख्यकों से भेदभाव करने का आरोप लगा रही है, यह सब वोटों की राजनीति के चलते किया जा रहा है। उन्होंने कहा, देश में किसी के साथ भी कोई भेदभाव नहीं हो रहा है। मोदी सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में दलितों के उत्थान के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
सीएम योगी द्वारा AMU और जामिया में दलितों के आरक्षण का मुद्दा उठाने पर AMU की ओर से प्रतिक्रिया भी आई है। AMU के मेम्बर इन चार्ज, प्रोफेसर शफी किदवई ने कहा है कि AMU की एडमिशन पॉलिसी सुप्रीम कोर्ट के क्षेत्राधिकार के तहत आती है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए पेंडिंग है। उन्होंने कहा है, "वर्तमान में विश्वविद्यालय में धार्मिक आधार पर कोई आरक्षण नहीं है। यहां 50% आरक्षण यूनिवर्सिटी के ही छात्रों के लिए है। एडमिशन पॉलिसी पर कोर्ट जो भी निर्णय देती है, वह यूनिवर्सिटी लागू करेगी।"
Aligarh Muslim University"s admission policy falls under SC jurisdiction. Matter is pending before SC. Currently we don’t have reservation on religious basis. 50% reservation is for internal students. We"ll follow court"s decision: Prof Shafey Kidwai, member in-charge of PRO AMU pic.twitter.com/NZ2O1WE01D
— ANI UP (@ANINewsUP) June 25, 2018
Created On :   25 Jun 2018 6:11 PM IST