शाकाहारी छात्रों को चिकन के तेल में पुड़ियां तलने के मामले में AMU ने दी सफाई
- AMU ने इस मामले के सामने आने के बाद 6 सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया है।
- AMU ने शाकाहारी भोजन को गैर-शाकाहारी व्यंजन तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तेल में पकाने के आरोपों को किया खारिज।
- यह कमेटी छात्रों की वेज और नॉन वेज खाने के लिए अलग-अलग किचन और उसमें सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग पर कार्रवाई करेगी।
डिजिटल डेस्क, अलीगढ़। यूपी की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) ने सोमवार को उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि शाकाहारी भोजन को गैर-शाकाहारी व्यंजन तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तेल में पकाया गया था। AMU प्रवक्ता शैफी किदवई ने कहा कि जांच में छात्रों के आरोप आधारहीन पाए गए हैं। AMU ने इस मामले के सामने आने के बाद 6 सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया है। यह कमेटी छात्रों की वेज और नॉन वेज खाने के लिए अलग-अलग किचन और उसमें सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग पर कार्रवाई करेगी।
दरअसल, हॉस्टल में रहने वाले छात्रों का कहना था कि मेस में जिस तेल में चिकन तला गया, उसी में पूड़ियां निकालकर शाकाहारी छात्रों को खिलाई गई। यह घटना AMU के एसएस नॉर्थ हॉस्टल में 26 नवंबर की है। इस हॉस्टल के छात्रों का कहना था कि मेस संचालक ने उनके साथ धोखा किया है। छात्रों ने मेस संचालक पर आरोप लगाते हुए कहा था, जब हम खाने पहुंचे तो मेस वाले ने पहले तेल में चिकन को तला। इसके बाद उसी तेल में पूड़ियां तलना शुरू कर दिया। यह देखकर सभी शाकाहारी छात्र भड़क उठे। उन्होंने खाना खाने से इनकार कर दिया। यह खबर पूरे हॉस्टल में आग की तरह फैल गई। जैसे ही बाकीं छात्रों को इसकी भनक लगी वह आगबबुला हो गए।
इसके बाद सभी छात्रों ने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से मुलाकात की और घटना की जानकारी दी। इसके बाद आक्रोशित छात्रों ने वाइस चांसलर को लिखित शिकायत दी। हालांकि इस बारे में तुरंत कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद छात्रों ने मीडिया को इस बारे में जानकारी दी। छात्रों ने मीडिया को बताया कि इस घटना से उनके धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है। छात्रों ने कहा कि इस घटना के बाद वह खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है उन्हें प्रताड़ित किया गया है। छात्रों की मांग है कि शाकाहारी छात्रों के लिए भोजन की अलग व्यवस्था की जानी चाहिए।
बता दें कि AMU में पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगे होने पर काफी बवाल हुआ था। वहीं अक्टूबर में कश्मीर के आतंकी मन्नान वानी के एनकाउंटर के बाद कथित तौर पर कुछ कश्मीरी छात्रों ने उसके जनाजे की नमाज पढ़ने की कोशिश की थी। इसके बाद इन छात्रों पर देशद्रोह का आरोप लगा दिया गया था। इसके बाद AMU के 1200 छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को धमकी दी थी कि यूनिवर्सिटी में कश्मीरी छात्रों के खिलाफ हो रहे गलत व्यवहार और कार्रवाई को रोका नहीं गया तो सभी 1200 छात्र अपनी डिग्रियां सरेंडर कर देंगे। इसपर एक्शन लेते हुए छात्रों पर से देशद्रोह का आरोप वापस ले लिया गया था।
Created On :   3 Dec 2018 9:49 PM IST