आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम, 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध

Another step towards self-sufficiency, 101 ban on import of defense equipment
आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम, 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध
आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम, 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध

नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रक्षा उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने और स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने रविवार को 101 वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है।

मंत्रालय ने 2020-21 के कैपिटल प्रोक्योरमेंट बजट में घरेलू और विदेशी कैपिटल प्रोक्योरमेंट के लिए भी बंटवारा कर दिया है। साथ ही चालू वित्त वर्ष में घरेलू पूंजीगत खरीद के लिए लगभग 52,000 करोड़ रुपये का एक अलग बजट बनाया गया है।

101 रक्षा उपकरणों के आयात पर लगे इस नए प्रतिबंध के चलते अनुमान है कि अगले पांच से सात वर्षों के भीतर घरेलू उद्योग में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये के अनुबंध किए जाएंगे। अनुमानित तौर पर इसमें से सेना और वायु सेना के लिए लगभग 1.3 लाख करोड़ रुपये के उपकरण और 1.4 लाख करोड़ रुपये के उपकरण नौसेना के लिए होंगे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, रक्षा मंत्रालय अब आत्मनिर्भर भारत की पहल में एक बड़ा कदम उठाने के लिए तैयार है। मंत्रालय रक्षा उपकरणों के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए 101 वस्तुओं पर आयात प्रतिबंध लगाएगा। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत के लिए किए गए स्पष्ट आह्वान के बाद किया गया है।

बता दें कि 12 मई को मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन आत्मनिर्भर भारत के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी।

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, सेना, वायु सेना, नौसेना, डीआरडीओ, सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों, आयुध निर्माण बोर्ड (ओएफबी) और निजी उद्योग के साथ वर्तमान और भविष्य की क्षमताओं का आंकलन करने के लिए सभी हितधारकों के साथ कई दौर की सलाह के बाद यह सूची मंत्रालय ने तैयार की थी। इसमें भारत की गोला-बारूद/हथियारों/प्लेटफार्मों/उपकरणों की मैन्यूफेक्चरिंग क्षमता का आंकलन किया गया था।

इन 101 प्रतिबंधित उपकरणों की सूची में हाईटेक हथियार जैसे आर्टिलरी गन्स, असॉल्ट राइफलें, कोरवेट्स, सोनार सिस्टम, परिवहन विमान, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच), रडार समेत रक्षा सेवाओं की कई अन्य जरूरी वस्तुएं शामिल हैं।

इस सूची में पहियों वाले बख्तरबंद लड़ाकू वाहन (एएफवी), पनडुब्बियां आदि भी शामिल हैं। इनसे आर्मी, वायुसेना, नौसेना को हजारों करोड़ रुपये के अनुबंध होने की उम्मीद है।

आयात पर यह प्रतिबंध 2020 से 2024 के बीच उत्तरोत्तर स्तर पर लागू करने की योजना है।

Created On :   9 Aug 2020 1:30 PM IST

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