आशुतोष ने छोड़ा आप का साथ, राजनीति को भी कह सकते हैं अलविदा
- आठ महीने पहले पार्टी छोड़ने से आप को बड़ा झटका लग सकता है।
- उनके पत्रकारिता में दोबारा सक्रिय होने की अटकलें भी तेज हो गई हैं।
- केजरीवाल ने उनका इस्तीफा अब तक स्वीकार नहीं किया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पत्रकारिता से राजनीति का रुख करने वाले आशुतोष ने आम आदनी पार्टी का साथ छोड़ दिया है। वो राजनीति को भी अलविदा कह सकते हैं। आशुतोष ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को आशुतोष ने अपना इस्तीफा कुछ महीने पहले ही दे दिया था। हालांकि, केजरीवाल ने उनका इस्तीफा अब तक स्वीकार नहीं किया है। केजरीवाल को दिए इस्तीफे में आशुतोष ने पार्टी छोड़ने की वजह को निजी बताया है। पार्टी में आशुतोष के करीबी नेता ने बताया कि भ्रष्टाचार को केंद्र में रखकर बनाई गई पार्टी से आशुतोश भटकाव महसूस कर रहे थे। इसके साथ उनके पत्रकारिता में दोबारा सक्रिय होने की अटकलें भी तेज हो गई हैं। आशुतोष के अचानक चुनाव के आठ महीने पहले पार्टी छोड़ने से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है।
Every journey has an end. My association with AAP which was beautiful/revolutionary has also an end.I have resigned from the PARTY/requested PAC to accept the same. It is purely from a very very personal reason.Thanks to party/all of them who supported me Throughout.Thanks.
— ashutosh (@ashutosh83B) August 15, 2018
ऐसे की थी राजनीति में शुरुआत?
आशुतोष ने 2014 में दिल्ली की चांदकी चौक सीट से चुनाव लड़ा था। वे कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल से सवा लाख वोट आगे रहे थे। हालांकि, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. हर्षवर्धन से 1 लाख वोटों से हार गए थे। राज्यसभा चुनाव के दौरान आशुतोष का पार्टी के साथ मतभेद नजर आया था। केजरीवाल ने सुशील गुप्ता जैसे उद्योगपति को टिकट दे दिया था। आशुतोष इस बात का विरोध कर रहे थे। केजरीवाल आशुतोष और संजय सिंह को भी राज्यसभा भेजना चाहते थे, लेकिन आशुतोष ने यह कहकर इनकार कर दिया था कि उनका जमीर उन्हें सुशील गुप्ता के साथ राज्यसभा जाने की इजाजत नहीं देता है। उस समय केजरीवाल ने आशुतोष की बजाय सीए एनडी गुप्ता का नामांकन भरवा दिया था। एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता आप के सदस्य नहीं थे।
कुमार विश्वास ने किया ट्वीट
हर प्रतिभासम्पन्न साथी की षड्यंत्रपूर्वक निर्मम राजनैतिक हत्या के बाद एक आत्ममुग्ध असुरक्षित बौने और उसके सत्ता-पालित, 2G धन लाभित चिंटुओं को एक और “आत्मसमर्पित-क़ुरबानी” मुबारक हो ! इतिहास शिशुपाल की गालियाँ गिन रहा है.
Created On :   15 Aug 2018 11:14 AM IST