व्हाट्सअप पर फैली अटल जी के निधन की अफवाहें, लोगों ने दी श्रद्धांजलि

डिजिटल डेस्क, जयपुर। सोशल मीडिया पर गुरुवार को जयपुर के कई इलाकों में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की अफवाहें फैल गई। यह खबर वायरल होते देर न लगी और उन्हें लोगों ने वाट्सएप ग्रुप्स में श्रद्धांजलि देना शुरू कर दिया। कुछ लोग इस खबर को झूठ बताते रहे तो कुछ लोग सच मान बैठे। यहां तक कि कुछ लोगों ने तो बिना सच जाने ही इसे सच मान लिया।
पहले भी फैल चुकी हैं निधन की अफवाहें
बता दें कि इससे पहले भी इस तरह की अफवाहें फैल चुकी हैं। 2015 में उड़ीसा के बालासोर जिले में एक प्राइमरी स्कूल के प्रिंसिपल कमलकांत दास ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बारे में सूचना दी थी। उस समय प्रिंसिपल को एक ट्रेनिंग प्रोग्राम में उनके साथियों ने गलत सूचना दे दी थी, जिसे बिना वेरिफाई किए उन्होंने श्रद्धांजलि सभा रख दी थी। इतना ही नहीं श्रद्धांजलि सभा के बाद स्कूल के बच्चों को छुट्टी भी दे दी गई थी। जिसके बाद जिला कलेक्टर को जैसे ही इस बात की सूचना मिली प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया।
इसी तरह 24 दिसंबर 2016 को भी गर्ल्स कॅालेज खंडवा (म.प्र) में उनका जन्मदिन मनाया गया था। उस कार्यक्रम में अटल बिहारी वाजपेयी के जिंदा रहते हुए श्रद्धांजलि दे दी गई थी। कॉलेज में हुए कार्यक्रम में प्राचार्य पुष्पलता केसरी व अन्य प्राध्यापकों ने पूर्व प्रधानमंत्री के चित्र पर फूल चढ़ाए थे और अगरबत्ती भी लगाईं। बता दें कि ऐसा मृत व्यक्ति को याद करते हुए किया जाता है।
कुछ सालों से बीमार हैं वाजपेयी जी
बता दें कि वाजपेयी बीते कुछ सालों से बीमार चल रहे हैं। भारतीय राजनीतिक इतिहास में उनको एक कुशल राजनीतिज्ञ, भाषाविद, कवि और पत्रकार के रूप में जाना जाता है। वह एक ऐसे नेता रहे हैं जिन्हें जनता के साथ-साथ हर पार्टी के लोग पसंद करते हैं। उत्तर प्रदेश से उनका राजनीतिक लगाव सबसे अधिक रहा। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से वे सांसद रहे थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी राजनीतिक कुशलता से भाजपा को देश में शीर्ष राजनीतिक सम्मान दिलाया। दो दर्जन से अधिक राजनीतिक दलों को मिलाकर उन्होंने राजग बनाया जिसकी सरकार में 80 से अधिक मंत्री थे, जिसे जम्बो मंत्रीमंडल भी कहा गया।
Created On :   30 March 2018 10:11 AM IST