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बर्फबारी : कश्मीर घाटी में मौसम का कहर, हिमस्खलन में 5 नागरिकों की मौत, 6 जवान शहीद

हाईलाइट
- भारी बर्फबारी और लगातार बारिश ने कश्मीर घाटी के कई हिस्सों में कहर बरपाया
- बैक टू बैक हिमस्खलन में कम से कम दस लोगों ने अपनी जान गवा दी
- इसमें चार आर्मी जवान और एक बीएसएफ का जवान शामिल है
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। 38 घंटे से अधिक समय से जारी भारी बर्फबारी और लगातार बारिश ने कश्मीर घाटी के कई हिस्सों में कहर बरपाया है। इसका असर उत्तरी कश्मीर में सबसे ज्यादा हुआ। यहां दो बैक टू बैक हिमस्खलन में कम से कम दस लोगों ने अपनी जान गवा दी। इसमें चार आर्मी जवान और एक बीएसएफ का जवान भी शामिल है। उधर, लद्दाख में ट्रैकिंग के लिए गए पर्यटक बर्फ में फंस गए थे। हेलिकॉप्टर की मदद से उन्हें बाहर निकाला गया।
चार आर्मी जवानों ने गवाई जान
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में बर्फीले तूफान में सेना के पांच जवान दब गए थे। सेना ने बचाव अभियान चलाया और चार सैनिकों का पता लगाया। सूत्रों ने कहा कि उनमें से तीन को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि एक सैनिक को इलाज के लिए भर्ती कराया गया। बर्फ में दबे पांचवें जवान का भी पता लगा लिया गया है। हालांकि उस जवान को भी बचाया नहीं जा सका।
बीएसएफ के एक जवान ने गवाई जान
एक अलग घटना में, नियंत्रण रेखा के पास नौगाम सेक्टर में हिमस्खलन की चपेट में आने से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान ने अपनी जान गवा दी। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इलाके में तैनात सात सैनिकों में से छह को सुरक्षित बचा लिया गया, लेकिन एक कांस्टेबल के फंसे होने के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका।'
पांच नागरिको की मौत
सोमवार को गांदरबल जिले के गगनगीर-कुलन क्षेत्र में भारी हिमपात से दो बैक टू बैक हिमस्खलन हुए। इस हिमस्खलन में एक पिता और उसके दो बेटों सहित कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई। कई लोग घायल हो गए, जबकि बर्फ के नीचे फंसे छह लोगों को पुलिस ने बचा लिया। साथ ही हिमस्खलन के कारण क्षेत्र के ढाई दर्जन से अधिक घरों को भारी नुकसान पहुंचा।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।