बदहाल आयुष विभाग के औषधालय, मरीज के साथ स्टाफ भी परेशान

डिजिटल डेस्क, मंडला। आयुष विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ता इलाज उपलब्ध कराने के लिए आयुर्वेदिक, होम्योपेथिक और यूनानी दवाखाना चला रहा है। लेकिन यहां सुविधाओं की कमी के कारण मरीजों और स्टाफ को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विभाग के पास खुद के भवन नहीं है, अधिकारी दवाखाना रेंट पर और सरकारी भवनों में संचालित हो रहे है। जर्जर भवन होने के कारण दवाखाना का संचालन मुश्किल से हो रहा है, जिससे आयुष सेवा का बेहतर लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है।
मंडला जिला में आयुष जिला हॉस्पिटल समेत 32 दवाखाना संचालित है, जिसमें 20 आयुर्वेदिक, 9 हौम्योपैथिक और 1 यूनानी हॉस्पिटल है। जिले भर में Rent पर 3 और 8 दवाखाना सरकारी भवन में संचालित है। विभाग और सरकारी भवनों की हालत ठीक नहीं है। अधिकांश भवन जर्जर है। ग्वारी, चौकीरतनपुर, बुधरा पिपरिया, पाठाचौरई, दिवारा, निवास और हाथीतारा के दवाखाना में बैठने की भी जगह नहीं है। यहां उपयुक्त भवन नहीं होने के कारण इन भवनों में दवाखाना का संचालन मजबूरी में कराना पड़ रहा है। बारिश के मौसम में छप्पर और छत टपक रही है। यहां भवन में बैठने की पर्याप्त जगह नहीं है। स्टाफ का हॉस्पिटल में बैठना मुश्किल है। एक ही कमरे में स्टाफ, मरीज और दवाएं रखी है। यहां आने वाले मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यहां है जर्जर भवन
मंडला जिले में आयुष विंग मंडला, आयुर्वेदिक दवाखाना घाघा, मधुपुरी, पदमी, फूलसागर, ग्वारी, चौकीरतनपुर, चिरईडोगरी रोड, कालपी, बुधरा पिपरिया, पाठाचौरई, दिवारा, चिरईडोगरी रेलवे, डिठौरी, धनोरा, निवास, हाथीतारा, थानमगांव, सिंगारपुर, सलवाह और घुघरी के भवन में मरम्मत की जरूरत है। यहां 21 भवन जर्जर है, इनमें सरकारी और विभाग के भवन शामिल है।
पानी बिजली की सुविधा नहीं
दवाखानों में पीने के पानी और बिजली तक की सुविधा नहीं है। पदमी, घाघा, ग्वारी, चोकीरतनपुर, बुधरा पिपररिया, पाठाचौरई, घुटास, बोकर, रेलवे चिरइ्र्रडोगरी, टाटरी, तिलई, डिठोरी, धनौरा, हाथीतारा, थानमगांव, सलवाह, सिंगारपुर में बिजली नहीं है। यहां तक शौचालय भी नहीं बनाए गए है। कहीं भी शुद्ध पेयजल के इंतजाम नहीं है, जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है।
5 साल में नहीं बना महाराजपुर दवाखाना
महाराजपुर दवाखाना के भवन निर्माण के लिए 5 साल पहले से स्वीकृति है। शासन से आवंटन भी मिल चुका है, लेकिन भवन निर्माण अटका हुआ है। विभाग को पहले 4 साल तक जमीन के लिए भटकना पड़ा है। जमीन मिल गई है, लेकिन निर्माण कार्य अभी भी अधर में है। यहां करीब 25 हजार की आबादी के लिए दवाखाना है। लेकिन निर्माण एजेंसी लापरवाही बरत रही है।
शासन को भेजे प्रस्ताव
आयुष विभाग ने भवन की स्थिति से विभाग को अवगत कराया है। शासन को प्रस्ताव भवन निर्माण और मरम्मत के लिए भेजे गए है। इसका सर्वे PWD ने किया है, सर्वे के बाद निर्माण और मरम्मत की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल सालों से भवन जर्जर होने से स्वास्थ्य सुविधा बेहतर नहीं हो पा रही है।
Created On :   26 July 2017 6:46 PM IST