बांग्लादेश हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण सहअस्तित्व चाहता है : हसीना

Bangladesh always wants peaceful coexistence with its neighbors: Hasina
बांग्लादेश हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण सहअस्तित्व चाहता है : हसीना
बांग्लादेश हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण सहअस्तित्व चाहता है : हसीना

ढाका, 18 जून (आईएएनएस)। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गुरुवार को कहा कि बांग्लादेश को युद्ध करना पसंद नहीं है और वह अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांति चाहता है। हसीना ने बांग्लादेशी नौसेना में एक अत्याधुनिक युद्धपोत को शामिल करने कार्यक्रम के दौरान कहा कि लेकिन, हमें अपनी समुद्री सीमाओं की रक्षा करने की जरूरत है।

हसीना ने चीन निर्मित युद्धपोत बीएनएस संग्राम की कमीशनिंग के मौके पर अपने आधिकारिक निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कहा, हमें अपने समुद्री क्षेत्रों और उसके संसाधनों का बचाव करने के लिए अपने नौसैनिक बल को और मजबूत करने की आवश्यकता है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे बांग्लादेशी नौसेना की देश की संप्रभुता की रक्षा करने की क्षमता मजबूत होगी।

बांग्लादेश के नौसेना प्रमुख एडमिरल औरंगजेब चौधरी ने औपचारिक रूप से इस्सा खान नेवल बेस, चटोग्राम में प्रधानमंत्री की ओर से कप्तान आरिफुर रहमान को जहाज की कमीशनिंग फरमान सौंपा।

संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में हिस्सा लेने के लिए बीएनएस संग्राम शुक्रवार को लेबनान के लिए रवाना होगा।

अपने संबोधन में शेख हसीना ने कहा, 1971 के महान स्वतंत्रता संग्राम के बाद राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान ने बहुत ही सीमित संसाधनों के साथ नव-स्वतंत्र देश का सफर शुरू किया था। इसके साथ ही हसीना ने भारत के योगदान को भी याद किया।

उन्होंने कहा, राष्ट्रपिता ने बहुत ही सीमित संसाधनों के साथ नव-स्वतंत्र देश का निर्माण किया। सेना, नौसेना और वायु सेना देश की संप्रभुता का प्रतीक है। बांग्लादेश की नौसेना ने भारत से मिले दो जहाजों के साथ अपना पहला सफर शुरू किया।

उसने कहा कि बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान ने आजादी के तुरंत बाद सबसे पहले बांग्लादेश के वैधानिक अधिकारों को अपने समुद्री क्षेत्रों में स्थापित करने का बीड़ा उठाया था, लेकिन 1975 के बाद की सरकारों ने इस पर कुछ नहीं किया।

शेख हसीना ने कहा कि 21 साल बाद 1996 में पदभार संभालने के बाद, उनकी अवामी लीग सरकार ने आवश्यक डेटा और जानकारी एकत्र की और कानूनी उपाय किए।

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने 1974 में शेख मुजीबुर रहमान द्वारा अपनाई गई रक्षा नीति के मद्देनजर फोर्सेज गोल 2030 नामक एक परिप्रेक्ष्य योजना तैयार की है और सशस्त्र बलों को अच्छी तरह से तैयार करने के लिए तेजी से कार्यान्वयन शुरू किया।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बांग्लादेश ने अपनी समुद्री सीमा की रक्षा की है। उन्होंने याद किया कि पड़ोसी देश भारत और म्यांमार के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखते हुए बांग्लादेश ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में कानूनी लड़ाई जीती है।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने समुद्री क्षेत्रों की सुरक्षा और बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में अपने विशाल संसाधनों का उपयोग करने पर प्राथमिकता दी है।

हसीना ने यह भी कहा कि बांग्लादेश की नौसेना को देश के विशाल समुद्री क्षेत्र और उसके संसाधनों की रक्षा करने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी-आधारित ज्ञान के साथ और मजबूत बनाने की आवश्यकता है।

इस दौरान हसीना ने कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए खास हिदायतें बरतने की भी अपील की।

देश में गुरुवार को रिपोर्ट किए गए 3,803 नए मामलों के साथ संक्रमितो की संख्या एक लाख से अधिक हो गई है।

कोरोनावायरस संक्रमणों की संख्या के मामले में बांग्लादेश अब दुनिया में 18वें स्थान पर है। यहां पिछले 24 घंटों में 38 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसके बाद अब संक्रमण की वजह से मरने वालों का आंकड़ा 1,343 तक पहुंच गया है।

Created On :   18 Jun 2020 10:30 PM IST

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