मार्क जकरबर्ग और फेसबुक के खिलाफ भोपाल कोर्ट से समन्स जारी
धर्मेन्द्र पैगवार, भोपाल। राजधानी भोपाल की अदालत ने एक स्टार्टअप की शिकायत पर फेसबुक के डायरेक्टर मार्क जकरबर्ग और फेसबुक को समन्स जारी कर कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहा है। फेसबुक जो कि आजकल डेटा लीक के कारण विश्व भर में चर्चा का केंद्र बना हुआ है एवं आए दिन अपनी कार्यप्रणाली एवं सिस्टम की खामियों के कारण आलोचना का शिकार हो रहा है, फेसबुक अब भारत में भी विवादों की शुरुआत कर चुका है।
इसी कड़ी में फेसबुक के विरुद्ध अब भोपाल स्थित स्टार्टअप ने भी अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए बुधवार को भोपाल की अदालत में केस दायर किया था। www.thetradebook.org के मुताबिक मौजूदा समय में जितने ट्रेड प्लेटफॉर्म हैं, जैसे कि फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, व्हाट्सएप आदि सब पश्चिम देशों की देन है जबकि चीन भी अपना ग्लोबल प्लेटफॉर्म अलीबाबा विश्व को दे चुका है, लेकिन भारतीयो द्वारा अभी तक किसी भी ग्लोबल प्लेटफॉर्म की स्थापना नहीं की गई है। इस विचार से प्रेरित होकर ट्रेड बुक (www.thetradebook.org) नाम का एक नया कॉन्सेप्ट लॉन्च करने की कोशिश की गई ताकि हम भारत से विश्व को एक नवीन ग्लोबल प्लेटफॉर्म दे सकें।
ट्रेड बुक के स्वप्निल राय के अनुसार इस कॉन्सेप्ट के लिए उन्होंने फेसबुक से मिलने की कोशिश भी की थी जो कि नाकाम रही।
बुधवार को भोपाल जिला कोर्ट में "ट्रेड बुक" के संस्थापक ने फेसबुक के विरुद्ध मामला दायर करते हुये फेसबुक एवं उसके संस्थापक मार्क जकरबर्ग के विरुद्ध ट्रेड मार्क - "ट्रेड फीड" का उल्लंघन करने, अनुचित तरीके से अपने वकीलों द्वारा धमकी भरे नोटिस भेजकर रोकने का प्रयास करने एवं परेशान करने का आरोप लगाया। साथ ही अदालत से प्रार्थना की है कि तत्काल प्रभाव से फेसबुक की न्यूजफीड मे बिजनेस इन्फॉर्मेशन एवं ट्रेड इन्फॉर्मेशन पब्लिश करने पर रोक लगाई जाए।
इस प्रकरण में भोपाल के प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट पार्थ शंकर मिश्र की कोर्ट ने फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग और उनकी कंपनी फेसबुक को समन जारी किया। आदेश में उन्होंने समन्स ई मेल के जरिये तामिल कराने के भी आदेश दिए हैं, मामले की अगली सुनवाई 20 जून को होगी।
यूनिक कॉन्सेप्ट पर काम कर रहा है ट्रेड बुक
ट्रेड बुक के अनुसार "हम एक यूनिक कॉन्सेप्ट पर काम कर रहे हैं जिसके द्वारा हम समस्त नेटवर्क एन्वायर्नमेंट से ट्रेड एवं बिजनेस की फीड जनरेट करके उसे यूजर तक पहुंचाते हैं जिसे कि हमने ट्रेड फीड का नाम दिया है। ट्रेड फीड जो कि भारतीय ट्रेड मार्क एवं पेंटेट ऑफिस में रजिस्टर्ड मार्क है जिसकी रजिस्टर व्याख्या के अनुसार ट्रेड फीड के तहत ऑनलाइन ट्रेड इन्फॉर्मेशन, ऑनलाइन ट्रेड अपडेट्स को किसी भी सोशल नेटवर्क एन्वायरमेंट पर पब्लिश करना, बिजनेस की गतिविधियां, बिजनेस नेटवर्किंग, आपस मे बिजनेस को कनेक्ट करना एवं उसे यूजर तक पहुंचाना शामिल है।
ट्रेडबुक ने इसलिए किया दावा
ट्रेड बुक के अनुसार ""फेसबुक हमारे रजिस्टर्ड ट्रेड मार्क - "ट्रेड फीड" का उल्लंघन कर रहा है। ट्रेड नेटवर्किंग पर स्वप्निल राय बीते कई वर्षों से काम कर रहे हैं। इस सिलसिले में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 मे अमेरिका का दौरा किया था, तब स्वप्निल ने स्वयं जाकर फेसबुक से सम्पर्क कर अपना कॉन्सेप्ट शेयर करने की कोशिश की लेकिन फेसबुक द्वारा कोई रिस्पॉन्स नही दिया गया। इसी कड़ी मे जब मार्क जकरबर्ग ने नवम्बर 2015 में भारत का दौरा किया, उस दौरान भी उन्होंने उनसे संपर्क करने की कोशिश की एवं फेसबुक डायरेक्टर आर्ची बोंग से मुलाकात कर अपने आइडिया एवं कॉन्सेप्ट से अवगत कराया। फेसबुक डायरेक्टर से ईमेल द्वारा विचारों का आदान प्रदान भी किया गया। स्वप्निल से कहा गया कि कॉन्सेप्ट को और विस्तार में ईमेल द्वारा भेजें, लेकिन जब व्यापार चिन्ह ट्रेड बुक इंडियन ट्रेड मार्क ऑफिस द्वारा जनरल में प्रकाशित हुआ तो फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने अपने वकीलों के माध्यम से नोटिस भेज कर ट्रेडबुक एवं उससे सम्बंधित समस्त कामों को बंद करने की धमकियां देना शुरू कर दी।
ट्रेड मार्क ऑफिस में विरोध दर्ज करा कर उसे रोकने की कोशिश विगत 18 महीनों से लगातार की गई। जहां फेसबुक द्वारा ट्रेडबुक के कांसेप्ट एवं वेबसाइट को रोकने की कोशिश की वहीं दूसरी ओर फेसबुक द्वारा पैसा लेकर ट्रेडबुक का प्रमोशन अपनी वेबसाइट फेसबुक पर किया गया, जिसका कि फेसबुक विरोध कर रहा था। जहां एक ओर फेसबुक अपने वकीलों द्वारा हमें नोटिस भेजकर पोर्टल बंद करने की धमकी दे रहा है एवं ट्रेडमार्क ऑफिस में विरोध दर्ज करा रहा है, वहीं उसी पोर्टल को पैसा लेकर अपनी ही वेबसाइट पर प्रमोट भी कर रहा था जिसके समस्त प्रमाण ट्रेडबुक ने कोर्ट को दिए गए हैं। ट्रेडबुक द्वारा पहला विज्ञापन वर्ष 2016 में दिया गया जिसे कि फेसबुक द्वारा रिव्यू कर सफलतापूर्वक चलाया गया एवं दूसरा विज्ञापन अप्रैल 2018 में दिया गया। विज्ञापन चलने के पहले उसका भी रिव्यू किया गया और 3 दिनों तक चलाया गया लेकिन फिर उसे अनुचित तरीके से बंद कर दिया गया, जो कि फेसबुक की एक भारतीय स्टार्टअप को प्रताड़ित करने कि मंशा को साफ बताता है।""
Created On :   26 April 2018 3:26 PM IST