BHU विवाद : छुट्टी पर गए वाइस चांसलर जीसी त्रिपाठी

डिजिटल डेस्क, वाराणसी। विजुअल आर्ट्स फैकल्टी की एक लड़की से छेड़छाड़ के बाद से लगातार विवादों में रहने वाले बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश चन्द्र त्रिपाठी पद से हटाए जाने की अटकलों के बीच लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। गौरतलब है कि अभी पिछले सप्ताह गुरुवार को उन्होंने कहा था कि अगर मानव संसाधन मंत्रालय उन्हें छुट्टी पर जाने के लिए कहेगा तो वह इस्तीफा दे देंगे, लेकिन अब उन्होंने अपने दावे से उलट निजी कारणों के आधार पर छुट्टी पर जाने का विकल्प चुना है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उनके बहुत सारे अधिकार पहले ही छीन लिए थे। इसके बाद से विश्वविद्यालय में उनकी सांकेतिक भूमिका ही बची थी। इस बीच मंत्रालय ने तेजी से नए कुलपति की चयन प्रक्रिया शुरु कर दी है। सूत्रों के अनुसार विश्वविद्यालय को अक्टूबर के अंत तक नया कुलपति मिल जाएगा। इसका पूरा ड्राफ्ट तैयार हो गया है। इस बीच बीएचयू ने अपनी वेबसाइट पर नए उप-कुलपति के लिए विज्ञापन जारी किया है।
वेतन नहीं कटे इसलिए छुट्टी पर गए वीसी त्रिपाठी
बीएचयू के मौजूदा उप-कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी नाम के ही उप-कुलपति रह गए थे। उनके सभी अधिकार छीन लिए गए थे। ऐसे में उनके पास छुट्टी पर जाने या फिर इस्तीफा देने जैसे दो ही विकल्प बचे है। खुद गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने साफ कहा था कि अगर उनके ऊपर छुट्टी पर जाने का दबाव बनाया गया, तो त्यागपत्र देना ज्यादा बेहतर समझेंगे। लेकिन वह अचानक छुट्टी पर चले गए हैं। जानकारों की मानें तो उन्होंने छुट्टी पर जाने का विकल्प इस लिए चुना क्योंकि छुट्टी पर जाने से उन्हें आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। उन्हें पूरे कार्यकाल की पगार मिलेगी। छात्र आंदोलन ने उनकी स्थिति को बेहद कमजोर कर दिया है। आंदोलन से पहले उन्हें एक और कार्यकाल के लिए नियुक्त किए जाने की बात की जा रही थी। छात्र आंदोलन के बाद स्थितियां एकदम से पलट गईं।
नवंबर में होना था कार्यकाल समाप्त
बीएचयू के मौजूदा कुलपति गिरीश चन्द्र त्रिपाठी का कार्यकाल 26 नवंबर 2017 को खत्म हो रहा है। ऐसे में नए उप-कुलपति का चयन तो होना ही था, लेकिन हालिया विवाद ने उनकी जल्द विदाई की भूमिका तैयार कर दी है। उप-कुलपति के चयन में तेजी करने का एक कारण यह भी है कि बगैर अधिकारों वाले उप-कुलपति के कार्यकाल को आगे खींचने से वह विश्वविद्यालय से जुड़े फैसले नहीं कर पाएंगे जिससे विश्वविद्यालय का कामकाज प्रभावित होगा। हाल के दिनों में बीएचयू के छात्र आंदोलन ने राष्ट्रीय चर्चाओं में जगह बनाई है। इस लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय का जोर इस बात पर है कि जल्द से जल्द परिसर में स्थितियां सामान्य हों। इस लिए वह उप-कुलपति की जल्द से जल्द नियुक्ति पर जोर दे रहा है।
नए उप-कुलपति के चयन की प्रक्रिया शुरू
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की गति से साफ हो गया है कि वह मौजूदा उप-कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी को ज्यादा दिन खींचने के पक्ष में नहीं है। यही वजह है कि मंत्रालय ने नए उप-कुलपति के चयन की प्रक्रिया को बहुत तेजी से पूरा करने के साथ ही समय सीमा भी तय की है। जिसे नोटीफिकेशन जारी होने के एक महीने के भीतर पूरा करना है। मंत्रालय ने बीएचयू के नए कुलपति के चयन प्रक्रिया के तहत राष्ट्रपति को भी एक प्रस्ताव भेजा है। जिसमें तीन सदस्यीय चयन कमेटी के गठन की मंजूरी मांगी गई है। साथ ही कमेटी के लिए नाम मांगे गए है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद ही नए कुलपति के चयन का काम औपचारिक रुप से शुरु होगा। बीएचयू का अगला कुलपति कौन बनेगा, इसका फिलहाल अनुमान लगाना कठिन है। यह निर्णय शीर्ष स्तर पर मंथन के बाद होगा।
Created On :   2 Oct 2017 9:50 PM IST