BHU के VC की छुट्टी तय, नए का अपॉइंटमेंट अक्टूबर तक

डिजिटल डेस्क, लखनऊ, वाराणसी। विजुअल आर्ट्स फैकल्टी की एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ के बाद शुरू हुए छात्र आंदोलन के बाद से लगातार विवाद में रहने वाले बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश चन्द्र त्रिपाठी की छुट्टी होना तय माना जा रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उनके बहुत सारे अधिकार पहले ही छीन लिए हैं। इसके बाद से विश्वविद्यालय में उनकी सांकेतिक भूमिका ही बची है। सूत्रों के अनुसार इस बीच मंत्रालय ने तेजी से नए कुलपति की चयन प्रक्रिया शुरु कर दी है। विश्वविद्यालय को अक्टूबर के अंत तक नया कुलपति मिल जाएगा। इसका पूरा ड्राफ्ट तैयार हो गया है। एक-दो दिन में नोटीफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।
नए उप-कुलपति के चयन की प्रक्रिया शुरू
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की गति से साफ हो गया है कि वह मौजूदा उप-कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी को ज्यादा दिन खींचने के पक्ष में नहीं है। यही वजह है कि मंत्रालय ने नए उप-कुलपति के चयन की प्रक्रिया को बहुत तेजी से पूरा करने के साथ ही समय सीमा भी तय की है। जिसे नोटीफिकेशन जारी होने के एक महीने के भीतर पूरा करना है। मंत्रालय ने बीएचयू के नए कुलपति के चयन प्रक्रिया के तहत राष्ट्रपति को भी एक प्रस्ताव भेजा है।
जिसमें तीन सदस्यीय चयन कमेटी के गठन की मंजूरी मांगी गई है। साथ ही कमेटी के लिए नाम मांगे गए है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद ही नए कुलपति के चयन का काम औपचारिक रुप से शुरु होगा। बीएचयू का अगला कुलपति कौन बनेगा, इसका फिलहाल अनुमान लगाना कठिन है। यह निर्णय शीर्ष स्तर पर मंथन के बाद होगा।
नवंबर में होना है कार्यकाल समाप्त
बीएचयू के मौजूदा कुलपति गिरीश चन्द्र त्रिपाठी का कार्यकाल 26 नवंबर 2017 को खत्म हो रहा है। ऐसे में नए उप-कुलपति का चयन तो होना ही था, लेकिन हालिया विवाद ने उनकी जल्द विदाई की भूमिका तैयार कर दी है। उप-कुलपति के चयन में तेजी करने का एक कारण यह भी है कि बगैर अधिकारों वाले उप-कुलपति के कार्यकाल को आगे खींचने से वह विश्वविद्यालय से जुड़े फैसले नहीं कर पाएंगे जिससे विश्वविद्यालय का कामकाज प्रभावित होगा।
हाल के दिनों में बीएचयू के छात्र आंदोलन ने राष्ट्रीय चर्चाओं में जगह बनाई है। इस लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय का जोर इस बात पर है कि जल्द से जल्द परिसर में स्थितियां सामान्य हों। इस लिए वह उप-कुलपति की जल्द से जल्द नियुक्ति पर जोर दे रहा है।
वीसी त्रिपाठी के पास बचे दो विकल्प
सूत्रों की माने तो वैसे भी बीएचयू के मौजूदा कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी के पास अब कम विकल्प बचे हैं। क्योंकि जिस तरीके से उनके अधिकार छीन लिए गए हैं, उसके बाद वह कहने भर के उप कुलपति रह गए हैं। ऐसे में उनके पास छुट्टी पर जाने या फिर इस्तीफा देने जैसे दो ही विकल्प बचे है। जानकारों की मानें तो इनमें भी छुट्टी पर जाना ज्यादा फायदेमंद होगा, क्योंकि इसमें उन्हें आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। लेकिन खुद गिरीश चंद्र त्रिपाठी ऐसा नहीं सोचते।
उन्होंने साफ कहा कि अगर उनके ऊपर छुट्टी पर जाने का दबाव बनाया जाता है तो वह अपने पद से त्यागपत्र देना ज्यादा बेहतर समझेंगे। गिरीशचंद्र त्रिपाठी को एक और कार्यकाल के लिए नियुक्त किए जाने की बात की जा रही थी। लेकिन छात्र आंदोलन के बाद स्थितियां एकदम बदल गईं।
रोयाना सिंह चीफ प्रॉक्टर बनीं
इस बीच विश्विद्यालय प्रशासन ने अपने प्रोक्टोरियल बोर्ड के प्रमुख को बदल दिया है। बीएचयू की नई चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर रोयाना सिंह को नया चीफ प्रॉक्टर बनाया गया है। बीएचयू के 101 साल के इतिहास में पहली बार किसी महिला को चीफ प्रॉक्टर बनाया गया है। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय में घटित हुआ यह पूरा मामला राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग में पहुंच चुका है।
Created On :   29 Sept 2017 12:18 AM IST