पत्थरबाजी को लेकर बड़ा खुलासा, कश्मीर में सेना पर पत्थर फेंकने के लिए दी जाती है ट्रेनिंग
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। सेना के साथ केन्द्र सरकार के लिए मुसीबत बने पत्थरबाजों को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। ये खुलासा किया है पश्चिमी उत्तरप्रदेश के उन युवाओं ने जो नौकरी के लिए जम्मू गए थे। युवाओं का कहना है कि जम्मू कश्मीर में नौकरी का लालच देकर सेना पर पत्थर फेंकने की ट्रेनिंग दी जाती है और ब्लैकमेल किया जाता है।
काम का झांसा देकर बुलाया जाता है कश्मीर
बागपत और सहारनपुर से जम्मू नौकरी के लिए गए इन युवाओं ने बताया है कि पहले हमें कपड़ों की सिलाई करने का काम बताकर नौकरी के लिए बुलाया गया था और बाद में हमें पत्थर फेंकने की ट्रेनिंग दी गई। बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाकर भागे इन युवाओं के खुलासे के बाद से सभी खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं और मामले की जांच की जा रही है कि आखिर पत्थरबाजों का देश में कहां-कहां कनेक्शन है।
पीड़ित युवक ने बताया है कि "मुझे कपड़ों की सिलाई करने का काम देने के लिए बोला गया था। मुझसे कहा गया था कि मुझे इस काम का बीस हजार रूपये वेतन दिया जाएगा। मैं बिना देर किए जम्मू चला गया। शुरुआत में मुझसे सफाई का काम करवाया गया और उसके बाद धुलाई के काम पर लगा दिया। बाद में इन लोगों ने मुझे पत्थरबाजी करने के लिए धमकाया।"
सेना का ध्यान भटकाने के लिए भी होती है पत्थरबाजी
युवकों ने बताया कि जब भी सेना पर आतंकियों द्वारा हमला किया जाता है। तब सेना की जवाबी फायरिंग के दौरान पत्थरबाज आतंकियों को बचाने के लिए सेना पर पत्थर फेंकने लगते हैं और आतंकी किसी भी गांव वाले के घर में शरण ले लेते हैं।
मदद के लिए होना पड़ा परेशान
बागपत जिले की बडौत तहसील के इन युवाओं ने बताया कि पत्थरबाजों के चुंगल से बाहर निकलने के लिए हमनें पुलिस से मदद मांगी थी, लेकिन हमें किसी भी तरह की मदद नहीं मिली। हमें मजबूरन एक स्थानीय निवासी की सहायता लेनी पड़ी। हमारी मदद करने वाले नसीम नाम के उस शख्स ने हमें कश्मीर से बाहर निकालने के लिए दस हजार रूपये मांगे और किसी तरह कश्मीर से बाहर निकलवा दिया।
Created On :   21 Jun 2018 4:14 PM IST