बिहार : राजगीर में अब दहाड़ेंगे बाघ, 480 एकड़ इलाके में बन रही सफारी

Bihar: Tiger will roar in Rajgir, Safari being built in 480 acres area
बिहार : राजगीर में अब दहाड़ेंगे बाघ, 480 एकड़ इलाके में बन रही सफारी
बिहार : राजगीर में अब दहाड़ेंगे बाघ, 480 एकड़ इलाके में बन रही सफारी
हाईलाइट
  • बिहार : राजगीर में अब दहाड़ेंगे बाघ
  • 480 एकड़ इलाके में बन रही सफारी

पटना, 3 फरवरी (आईएएनएस)। बिहार के पर्यटन क्षेत्रों में से एक नालंदा जिले के राजगीर में अब जल्द ही पर्यटक खुले में घूमते शेर, भालू, बाघ और चीता सहित अन्य जानवरों को बंद गाड़ी में बैठकर देख सकेंगे। राजगीर के स्वर्णगिरि और वैभवगिरि पर्वत के बीच 480 एकड़ भूमि पर जू सफारी का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि यह सफारी इस साल अगस्त में बनकर तैयार हो जाएगी।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यहां जानवरों के अनुसार पांच अलग-अलग सफारी बनाई जा रही है, जिसमें शाकाहारी जानवरों के लिए सफारी, भालू सफारी, चीता, बाघ और शेर सफारी शामिल हैं।

सफारी के लिए गाड़ियां मंगवाई जा रही हैं। सूत्रों का कहना है कि शाकाहारी जानवरों की सफारी करीब 30 हेक्टेयर इलाके में बन रही है। इसमें मृग, चीतल, हिरण व सांभर सहित अन्य शाकाहारी जानवरों को रखा जाएगा।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष नवंबर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर में निर्माणाधीन जू सफारी का निरीक्षण किया था। उन्होंने अधिकारियों को अगस्त 2020 तक जू सफारी दर्शकों के लिए शुरूकरने का आदेश दिया था। इसके बाद इसके निर्माण कार्य में गति आई है। अधिकारी भी अब दावा कर रहे हैं कि इस साल अगस्त तक सफारी पर्यटकों के लिए प्रारंभ हो जाएगी।

अधिकारी ने बताया कि राजगीर में निर्माणाधीन जू सफारी के पांच हिस्से होंगे। इसमें हिरण, भालु, तेंदुआ, बाघ और शेर को रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान जानवरों के नाइट शेल्टर और फीडिंग रूम के साथ-साथ जानवरों के इनक्लोजर को भी देखा था। जू सफारी में जानवर खुले क्षेत्र में रहेंगे और दर्शक बंद गाड़ी में बैठ कर जानवरों को देखेंगे। जू सफारी में जानवरों को डबल प्रोटेक्शन में रखा जाएगा।

अधिकारी ने बताया कि भालू सफारी करीब 20 हेक्टेयर इलाके में बन रही है, जहां यहां नर और मादा भालुओं को देखा जा सकेगा। चीता सफारी करीब 20 हेक्टेयर इलाके में बन रही है। टाइगर सफारी में अधिकतम दो बाघ-दो बाघिन सहित लयन सफारी में दो शेर और दो शेरनी रखे जाएंगे।

कहा जा रहा है कि यहां आने वाले जंगल में शेर, बाघ, तेंदुआ, हिरण और भालू कैसे व्यवहार करते हैं? कैसे खाना खाते हैं, को समझ सकेंगे। 67 हेक्टेयर भूमि पर जानवरों का अस्पताल, पार्किंग, कैफेटेरिया, रेस्टोरेंट, बटरलाई पार्क, फरेस्ट एरिया व अन्य सुविधा होगी।

विभाग के सूत्रों का कहना है कि प्रत्येक सफारी में जानवरों को पानी पीने के लिए प्राकृतिक डिजाइन के तालाब बनाए गए हैं।

Created On :   3 Feb 2020 4:01 PM IST

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