मीडिया के सामन बीजेपी सतर्क, नेताओं को ऑफ द रिकॉर्ड न बोलने की नसीहत
- इस बुकलेट के मुताबिक पार्टी प्रवक्ता चलते हैं तो यह 2019 लोकसभा चुनावों में पार्टी के लिए बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है।
- गाइडलाइन के मुताबिक किस वक्त प्रेस वार्ता करना है
- मीडिया के सामने किस तरह से बात करना है
- प्रवक्ता टीबी डिबेट के लिए जाए तो उन्हें कैसे तैयार होना है
- मीडिया से ऑफ द रिकॉर्ड कुछ बोलने की नसीहत
- यह सभी जरूरी बातें बताई गई हैं।
- बीजेपी के ट्रेनिंग सेल ने मीडिया और सोशल मीडिया प्रयो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मीडिया के सामने कब, कहां और कैसे बोलना है ये सबकुछ बीजेपी के नेताओं और प्रवक्ताओं को पहले से तय करना होगा। बीजेपी के ट्रेनिंग सेल ने मीडिया और सोशल मीडिया प्रयोग के लिए जरूरी गाइडलाइन जारी की है। गाइडलाइन के मुताबिक किस वक्त प्रेस वार्ता करना है, मीडिया के सामने किस तरह से बात करना है, प्रवक्ता टीबी डिबेट के लिए जाए तो उन्हें कैसे तैयार होना है, मीडिया से ऑफ द रिकॉर्ड कुछ बोलने की नसीहत, यह सभी जरूरी बातें बताई गई हैं।
गाइडलाइन से आ सकता है बदलाव
अक्सर मीडिया से बातचीत के दौरान बीजेपी नेता कुछ न कुछ ऐसा कह जाते है जिससे पार्टी के छवि खराब होती है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर बीजेपी के ट्रेनिंग सेल ने "मीडिया अप्रोच ऐंड स्ट्रैटिजी" नाम से एक बुकलेट जारी की है। इस बुकलेट के मुताबिक पार्टी प्रवक्ता चलते हैं तो यह 2019 लोकसभा चुनावों में पार्टी के लिए बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है। गाइडबुक में खास तौर पर टेलिविजन मीडिया पर फोकस किया गया है। पार्टी का मानना है कि अगर गाइडलाइन ठीक से फॉलो की गई तो नेताओं और प्रक्ताओं की भाषा शैली में बदलाव आएगा और मीडिया से संबंध अच्छे बन सकेंगे।
नो कॉमेंट्स जैसा जवाब न दें
टेलीविजन और अखबारों में इंटरव्यू देते वक्त नेताओं और प्रवक्ताओं को बुकलेट में कहा गया है कि अगर संपादक किसी खास दिन इंटरव्यू के लिए कहे तो मना न करें। इंटरव्यू के दौरान गलती से भी नो कॉमेंट्स जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करें। यदि पत्रकार कोई ऐसा सवाल करता है जिससे आपको गुस्सा आ जाता है तो खुद को शांत रखें और विनम्रता के साथ सवालों को जवाब दें। बुकलेट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सिर्फ 1 या 2 बड़े नेता ही डायस पर रहेंगे और और बीजेपी का लोगो प्रमुखता से नजर आना चाहिए।
यह है गाइडलाइन के जरूरी बिंदु
- मीडिया के सामने ऑफ द रिकॉर्ड न बोलने की नसीहत
- पत्रकारों को इंटरव्यू और ब्रीफिंग के दौरान सम्मान देना
- प्रेस काफ्रेंस के दिन समय पर पहुंचना
- प्रेस काफ्रेंस का समय, स्थान व दिन पहले से तय करना
- टीबी डिबेट के दौरान अपने लुक का ध्यान रखना
- डिबेट में सोच समझकर सटीक बोलना
- वीकेंड के दिन कार्यक्रम तय कर पत्रकारों का लंच और कॉफी पर बुलाना
- प्रेस के साथ बेहतर संबंध बनाना
- 10 से 40 सेकेंड में अपनी बाइट देना
Created On :   15 Jun 2018 10:27 AM IST