मप्र में मंदिरों की जमीन नीलामी के मुद्दे पर भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने

BJP-Congress face to face on auction of temple land in MP
मप्र में मंदिरों की जमीन नीलामी के मुद्दे पर भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने
मप्र में मंदिरों की जमीन नीलामी के मुद्दे पर भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने
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भोपाल, 4 फरवरी (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश सरकार के धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग द्वारा मंदिरों की जमीन नीलाम करने की तैयारी विवादों में आ गई है और इस मुद्दे ने कांग्रेस व भाजपा का आमने-सामने ला दिया है। भाजपा ने सरकार के इस प्रयास को हिंदू विरोधी करार दिया है और विरोध करने का ऐलान किया है।

वहीं, कांग्रेस का कहना है कि असल में, मंदिर-मठों की जमीन कब्जा मुक्त कराए जाने से भाजपा को तकलीफ हो रही है।

राज्य सरकार द्वारा मंदिरों की जमीनों को नीलाम करने की तैयारी में है, इसके लिए मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रस्ताव लाए जाने की चर्चा है। राज्य के धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग के मंत्री पी.सी. शर्मा ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान माना कि राज्य के कई मंदिरों के पास हजारों एकड़ जमीन है, जिसका उपयोग नहीं हो रहा है, ऐसी जमीनों की नीलामी किए जाने पर विचार हो रहा है। इससे आने वाली राशि से मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जाएगा।

सरकार की इस कवायद पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं। पूर्व मंत्री विश्वास सारंग का कहना है, जब से यह सरकार सत्ता में आई है, हिंदू विरोधी फैसले ले रही है। भाजपा जमीन बेचने के फैसले का विरोध करेगी। सरकार बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए यह फैसला लेने जा रही है।

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत ने ट्वीट कर सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा, हनुमान भक्त कमल नाथ जी का फैसला, मंदिरों की जमीन ऑक्शन कर अब बिल्डरों को दिया जाएगा। मिस्टर 15 प्रतिशत की सरकार की भगवान जी से 50 फीसदी की पार्टनरशिप की पेशकश। वक्त है बदलाव का, एमपी मांगे जवाब।

वहीं, कांग्रेस के मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने सरकार की इस पहल को जरूरी बताया है। उनका कहना है कि यह निर्णय राज्य के मंदिरों-मठों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए लिया जा रहा है। मंदिरों की अतिरिक्त जमीन भवन निर्माताओं को सौंपी जाएगी। इससे न केवल मंदिरों की आय सीधे उनके खाते में जाएगी, बल्कि अवैध कब्जे भी रुकेंगे।

मंदिरों की जमीन भवन निर्माताओं को सौंपने की तैयारी के भाजपा के आरोप का जवाब देते हुए शोभा ओझा ने कहा, सच तो यह है कि मंदिर-मठ की जमीनों पर भाजपा संरक्षित माफिया कब्जा जमाए बैठे हैं। ये जमीन उनसे मुक्त कराई जाएगी। इस फैसले से भाजपा इसलिए आहत है, क्योंकि सरकार के इस कदम से माफियाओं के हित प्रभावित होंगे।

Created On :   4 Feb 2020 5:02 PM GMT

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