भाजपा नेता बोस ने कहा, डराकर कानून लागू नहीं किया जा सकता

BJP leader Bose said, the law cannot be enforced by intimidation
भाजपा नेता बोस ने कहा, डराकर कानून लागू नहीं किया जा सकता
भाजपा नेता बोस ने कहा, डराकर कानून लागू नहीं किया जा सकता
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कोलकाता, 21 जनवरी (आईएएनएस)। भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के उपाध्यक्ष और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र के. बोस ने पूरी तरह से पार्टी लाइन के खिलाफ जाते हुए मुसलमानों को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के दायरे में लाने का आग्रह किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी कानून को लोगों को डराकर लागू नहीं किया जा सकता है।

बोस पिछले कुछ समय से अपनी असहमति दर्ज कराते रहे हैं। उन्होंने राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष और भाजपा नेताओं द्वारा अपमानजनक भाषा इस्तेमाल करने पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।

बोस ने कहा, जो आंदोलन पूरे भारत में चल रहा है, उसे बहुत आसानी से हल किया जा सकता है, अगर आप स्पष्ट रूप से घोषणा करते हैं कि हर कोई हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सीएए के परिणामस्वरूप नागरिकता प्राप्त करेगा।

बोस को पिछले लोकसभा चुनाव में कोलकाता दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से हार का सामना करना पड़ा था।

पिछले महीने संसद में पारित सीएए में मुस्लिम बहुल पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से उत्पीड़न का शिकार हुए ऐसे अल्पसंख्यक हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्धों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान हैं, जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत में आ चुके हैं।

10 जनवरी से लागू होने वाले इस कानून का देशव्यापी विरोध हुआ है और लगभग सभी राज्यों में हजारों की तादाद में छात्र सड़कों पर उतरे हैं। इसके अलावा विपक्ष से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता व आम लोग भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं।

बोस चाहते हैं कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर लोगों के पास जाए।

उन्होंने कहा, हमें लोगों के पास जाना है और उनसे बातचीत करनी है। आप डराने और धमकाने के माध्यम से एक अधिनियम को लागू नहीं कर सकते हैं।

बोस नेताजी के बड़े भाई और स्वतंत्रता सेनानी शरत चंद्र के पोते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करना भाजपा जैसी पार्टी को शोभा नहीं देता है।

उन्होंने कहा, सिर्फ इसलिए कि राज्यसभा और लोकसभा दोनों में हमारे पास संख्या है, इसका मतलब यह नहीं है कि हम इस तरह के आक्रामक रुख अपनाने के लिए स्वतंत्र हैं। आज हम सरकार में हैं, कल हम नहीं भी हो सकते हैं।

भाजपा के नेताओं का एक वर्ग, जिसमें राज्य इकाई के प्रमुख दिलीप घोष भी शामिल हैं, ने कोलकाता और देश में अन्य जगहों पर सड़कों पर उतरने वाले बुद्धिजीवियों और मशहूर हस्तियों पर विवादस्पाद बयान देते हुए तीखा प्रहार किया है।

घोष अपने बयानों के लिए बोस पर भारी पड़े और उन्हें पहले चुनाव जीतने की नसीहत दे डाली।

उन्होंने कहा, किसने उन्हें नेता बनाया है? उन्हें कितने वोट मिले? सबसे पहले वह कम से कम एक पंचायत चुनाव जीतें, फिर वह बड़ी बातें कर सकते हैं।

Created On :   21 Jan 2020 8:30 PM IST

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