आपातकाल भले ही न लगे, अधिकारों पर अंकुश तो लगा ही सकते हैं : स्वामी

BJP leader Subramanian Swamy on emergency and jammu kashmir
आपातकाल भले ही न लगे, अधिकारों पर अंकुश तो लगा ही सकते हैं : स्वामी
आपातकाल भले ही न लगे, अधिकारों पर अंकुश तो लगा ही सकते हैं : स्वामी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। धर्मनिरपेक्षता, सहिष्णुता व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर उठ रहे सवालों के बीच वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि संवैधानिक अधिकार के साथ ही अधिकारों की मर्यादा का ध्यान रखना होगा। संवैधानिक अधिकार के नाम पर कोई भी मनचाहा व्यवहार नहीं कर सकता है। उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा, ""आपातकाल में नागरिकों के अधिकार छीन लिए गए थे। अब पहले जैसा आपातकाल भले ही नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन सरकार चाहे तो नए रूप में आपात स्थिति ला सकती है। संवैधानिक प्रावधानों का उपयोग करके अधिकारों पर अंकुश तो लगा ही सकती है।""

शनिवार को चिटणवीस सेंटर में लोकतंत्र सेनानी संघ की ओर से आपातकाल स्मृति दिन मनाया गया। कार्यक्रम की प्रस्तावना वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मणराव जोशी ने रखी। इसी कार्यक्रम में श्री स्वामी बोल रहे थे। जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी से लेकर सोनिया गांधी व राहुल गांधी तक कांग्रेस की राजनीति पर तंज कसते हुए स्वामी ने कहा कि असहिष्णुता की बात करनेवालों को पहले अपना इतिहास देखना चाहिए। कांग्रेस के राज में राजवंश की तरह लोकतंत्र का इस्तेमाल करने का प्रयास किया गया।

कश्मीर को विशेषाधिकार के मामले में स्वामी ने कहा कि अब स्थिति बदलने लगी है। सरकार ठाेस कदम उठाने की स्थिति में है। यह भी कहा कि सरकार चाहे तो 5 मिनट में कश्मीर से धारा 370 हटा सकती है। शनिवार को चिटणवीस सेंटर में लोकतंत्र सेनानी संघ की ओर से आपातकाल स्मृति दिन मनाया गया। कार्यक्रम की प्रस्तावना वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मणराव जोशी ने रखी। इसी कार्यक्रम में स्वामी बोल रहे थे।

आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी के विरोध में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले श्री स्वामी ने कहा कि यह कहना पूरी तरह से सही नहीं है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद इंदिरा गांधी ने आपातकाल लागू किया था। उनके अनुसार, आपातकाल लगाने की शुरुआत तो 1968 से ही हो गई थी। कम्युनिस्टों को साथ लेकर इंदिरा गांधी तानाशाही की ओर बढ़ चली थीं। प्रयोग के तौर पर उन्होंने बंगाल में शेख मुजीबर रहमान के माध्यम से तानाशाही स्थापित करने का प्रयास किया था। संयोग से उसी दौरान रहमान की हत्या कर दी गई।


प्रशासन आदेश पालक, जनता आपातकाल विरोधी
आपातकाल विरोधी आंदोलन में अपनी भूमिका के किस्से सुनाते हुए उन्होंने कहा कि प्रशासन भले ही आदेश पालक था, लेकिन जनता आपातकाल विरोधी थी। जनजागरण के माध्यम से ही इंदिरा गांधी को रोका गया। खास बात यह थी कि इंदिरा गांधी को हराने में कम पढ़े-लिखे लोगों की संख्या अधिक थी। श्री स्वामी ने यह भी कहा-अयोध्या में राम मंदिर बनना तय है। 2019 के चुनाव तक ही काफी कुछ साफ दिखने लगेगा।

यह भी कहा
कांग्रेस व जवाहरलाल नेहरू ने सरदार पटेल व बाबासाहब आंबेडकर को नजरअंदाज करने का काम किया। इन महापुरुषों को नेहरू ने भारतरत्न की उपाधि से वंचित रखा था। आपातकाल के समय इंदिरा गांधी को अनपढ़ों ने हराया था। गरीबों, कम पढ़े लोगों की भावना का सम्मान करना होगा। कश्मीर में धारा 370 का अस्थायी प्रावधान है। मोदी सरकार प्रस्ताव दे तो राष्ट्रपति नोटिफिकेशन जारी कर 5 मिनट में इस धारा को हटा सकते हैं।

हिंदू धर्म तो लोकतांत्रिक धर्म है
स्वामी ने कहा कि इसाई संस्थाएं धर्म परिवर्तन के साथ ही समाज तोड़ने का काम भी करने लगी हैं। महाराष्ट्र में पिछले दिनों जो प्रदर्शन हुए उसमें मिशनरी संस्थाओं का सहयोग था। नक्सलियों का साथ लिया गया था। पहले हिंदुओं को बांटा जाता था, भाजपा सरकार ने हिंदुओं को एकजुट करते के साथ ही अल्पसंख्यक वर्ग में भी पैठ बनाई है।

सोनिया, राहुल, चिदंबरम थरूर आएंगे जेल में नजर
भ्रष्टाचार के मामलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पी.चिदंबरम, शशि थरूर जैसे नेता इस साल के अंत तक ही जेल में नजर आएंगे। देश में हिंदू आतंकवाद दर्शाने का बड़ा षड़यंत्र रचा गया था। सभी खतरों को दूर करने की दिशा में काम करना होगा। कार्यक्रम में राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी, अविनाश सिंघवई, श्याम पंढरीपांडे, रवींद्र कासखेड़ीकर भी प्रमुखता से उपस्थित थे। मंच संचालन दीप्ति कुशवाह ने किया।

Created On :   24 Jun 2018 3:42 PM IST

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