अयोध्या विवाद पर मचे सियासी घमासान के बीच संघ प्रमुख से रात 2 बजे मिले अमित शाह 

BJP president Amit Shah meets RSS chief Mohan Bhagwat on Ram temple controversy
अयोध्या विवाद पर मचे सियासी घमासान के बीच संघ प्रमुख से रात 2 बजे मिले अमित शाह 
अयोध्या विवाद पर मचे सियासी घमासान के बीच संघ प्रमुख से रात 2 बजे मिले अमित शाह 
हाईलाइट
  • राम मंदिर मुद्दे और लोकसभा चुनाव को लेकर हुई अहम चर्चा
  • संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिले भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह

डिजिटल डेस्क, मुबंई। रामजन्मभूमि को लेकर चल रहे सियासी घमासान के बीच देर रात दो बजे अमित शाह ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुंबई के रामभाऊ महालगी प्रबोधनी में मुलाकात की। इस मुलाकात को राममंदिर से जोड़कर देखा जा रहा है। इस दौरान संघ प्रमुख और शाह के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। हालांकि इस मुलाकात पर (RSS) ने कहा कि इसके लिए पहले से कार्यक्रम तय नहीं था। (RSS) का कहना है कि संघ से जुड़े लोगों को निमंत्रण हमेशा दिया जाता है, इसी निमंत्रण पर अमित शाह पार्टी की तरफ से आए होंगे।

 

बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने बुधवार को अयोध्या में भव्य राम मंदिर के शीर्घ निर्माण के लिए अध्यादेश लाने या कानून बनाने की अपनी मांग को दोहराया था। RSS के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य ने कहा था कि राम मंदिर का निर्माण राष्ट्रीय गौरव का विषय है और अभी तक अयोध्या विवाद का हल अदालतों में नहीं निकला है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या विवाद की सुनवाई अगले साल तक टालने के निर्णय के बाद इस मुद्दे पर सियासी घमासान मचा हुआ है। राष्ट्रीय सेवक संघ (RSS) और विश्व हिंदू परिषद राम मंदिर के लिए सरकार से अध्यादेश लाने की मांग कर रहे हैं। 

 

संघ के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने कहा था अयोध्या में राम मंदिर बनाने का मुद्दा हिंदू और मुस्लिम समुदाय तक ही सीमित नहीं है। वैद्य ने कहा, राममंदिर मुद्दे पर न्यायालय ने कहा था कि नमाज के लिए मस्जिद जरूरी नहीं है और सड़कों पर भी नमाज अदा की जा सकती है। इसके अलावा जबरन अधिग्रहित जमीन पर नमाज अदा नहीं की जा सकती। अदालत ने यह भी कहा है कि यह (जमीन का अधिग्रहण) धार्मिक कृत्य नहीं है। पिछले महीने अमित शाह ने कहा था, कि उनकी इच्छा है कि राम मंदिर का निर्माण 2019 से शुरू जाए। हाल में उन्होंने कहा कि विवादित जमीन के मालिकाना हक के बारे में फैसला करते हुए इस बात को किनारे नहीं किया जा सकता कि भगवान राम के जन्मस्थल पर स्थित उनके मंदिर को गिराया गया है। शाह ने कहा कि हमें इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि 600 साल पहले अयोध्या में राम मंदिर को गिराया गया था।

 

 

 

Created On :   2 Nov 2018 7:53 AM GMT

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