सुरक्षा के बीच कर्नाटक सरकार ने मनाई टीपू सुल्तान की जयंती, बीजेपी ने जताया विरोध
- कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कई जिलों में मनाई जा रही है टीपू सुल्तान की जयंती
- भाजपा के साथ कई हिन्दू संगठनों ने किया विरोध
- विरोध और कड़ी सुरक्षा के बीच मनाई जा रही है टीपू सुल्तान की जयंती
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। भाजपा के साथ कई हिन्दू संगठनों द्वारा दी गई धमकी के बीच कर्नाटक राज्य सरकार 18वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान की जयंती मना रही है। धार्मिक रूप से कट्टर करार देते हुए भाजपा की प्रदेश इकाई ने जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार से टीपू की जयंती नहीं मनाने को कहा था, लेकिन कर्नाटक सरकार भाजपा की बात को दरकिनार करते हुए कड़ी सुरक्षा के बीच उत्साह के साथ टीपू सुल्तान की जंयती मना रही है। सरकार ने एहतियात के तौर पर कर्नाटक के कई जिलों में सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम करवाए हैं।
बता दें कि बीजेपी खुलकर टीपू सुल्तान की जयंती मनाने का विरोध कर रही है। पार्टी ने सरकार से जश्न समारोह को रद्द करने की अपील करते हुए शुक्रवार को बेंगलुरू, मैसूर और कोडागू में विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किया। बीजेपी का प्रदर्शन आज भी जारी है। बीजेपी टीपू सुल्तान को कट्टर शासक बताती है। बीजेपी और दक्षिणपंथी संगठनों का कहना है कि टीपू सुल्तान ने मंदिर तोड़े और बड़े पैमाने पर हिंदुओं का धर्मांतरण करवाया। बीजेपी सांसद शोभा करंदलाजे ने कहा है कि टीपू जयंती का आयोजन कर सिद्धारमैया ने अपनी सत्ता खो दी अब ऐसा ही उनके साथ होने वाला है जो टीपू जंयती मना रहे हैं।
We are opposing Tipu Jayanti celebration. Nobody will appreciate this celebration. In the interest of the state they (state govt) must stop it. Government"s intention behind Tipu Jayanti celebration is just to satisfy Muslim community: BS Yeddyurappa, Karnataka BJP Chief pic.twitter.com/VMAu1pqs9E
— ANI (@ANI) November 8, 2018
कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कार्यक्रम का विरोध करते हुए कहा, हम टीपू जयंती का विरोध कर रहे हैं। इस जयंती की कोई सराहना नहीं करेगा। राज्य के हित के लिए सराकर को इसे रोकना चाहिए। टीपू जयंती मनाकर सरकार केवल मुस्लिम समाज को संतुष्ट करना चाहती है। वहीं राज्य सरकार का कहना है कि बीजेपी टीपू जयंती समारोह के मुद्दे पर सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश कर रही है। कर्नाटक मंत्री डीके शिवकुमार ने कार्यक्रम को सही बताते हुए कहा, टीपू सुल्तान का इतिहास काफी लंबा है। अगर हम उनकी जयंती मनाते हैं, तो इसमें मुझे कहीं कोई बुराई नजर नहीं आती। बीजेपी का अपना राजनैतिक एजेंडा है। वो बस हिंदू और अल्पसंख्यकों के बीच मतभेद पैदा करना चाहते हैं।
Tipu Sultan has a long history and there is nothing wrong in conducting Tipu Jayanti. BJP has its political agenda. They want to create some differences between Hindus and minorities: DK Shivkumar, Karnataka Minister on BJP"s decision to oppose Tipu Jayanti celebration. pic.twitter.com/rvaBnJMHGi
— ANI (@ANI) November 8, 2018
कुमार स्वामी नहीं हुए शामिल
मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी स्वास्थ्य कारणों से इस कार्यक्रम में मौजूद नहीं हो सके। टीपू जयंती समारोह की सफलता की शुभकामनाएं देते हुए कुमारस्वामी ने शनिवार को एक बयान में कहा, प्रशासन में टीपू द्वारा किए गए प्रगतिशील उपाय, नवोन्मेष को लेकर उनकी कोशिशें सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि वह डॉक्टर की सलाह पर आराम कर रहे हैं। वह कार्यक्रम में हिस्सा लेने में अक्षम हैं। बयान में कहा गया, इसका खास मतलब निकालना गैर-जरूरी है। यह भी सच्चाई से कोसों दूर है कि वह (मुख्यमंत्री) सत्ता गंवाने के डर से इसमें हिस्सा नहीं ले रहे।’’ कुमारस्वामी की अगुवाई वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद पहली बार टीपू जयंती मनाई जा रही है।
सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम
कोडागू की पुलिस अधीक्षक सुमना डी पणेक्करा ने बताया कि अब तक हालात शांतिपूर्ण हैं और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं ताकि कोई अनहोनी न होने पाए। उन्होंने कहा कि किसी को भी दुकान और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद कराने की इजाजत नहीं दी जाएगी। बेंगलुरू के पुलिस आयुक्त टी. सुनील कुमार ने कहा, बेंगलुरू में विधान सभा के आसपास करीब 500 पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को तैनात किया गया है। शहर के अलग-अलग जोन के पुलिस उपायुक्त अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में सुरक्षा के प्रभार में रहेंगे। करीब 15,000 पुलिसकर्मी शहर की निगरानी कर रहे हैं।
Created On :   10 Nov 2018 3:38 PM IST