हाईकोर्ट की सलाह : कोर्ट में जनहित याचिका से पहले लोगों को पुलिस स्टेशन जाना चाहिए

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकारी अधिकारियों व किसी संस्था के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कोर्ट में आपराधिक जनहित याचिका दायर करने से पहले जागरुक नागरिक पहले स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत व बयान दर्ज कराए। बांबे हाई कोर्ट ने गुरुवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान मौखिक रुप से यह बात कही। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता पुलिस व्यवस्था पर विश्वास दर्शाते हुए सबसे पहले पुलिस स्टेशन में अपनी बात रखें। याचिका दायर करने से पहले याचिकाकर्ता अपने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करे।
याचिका पर कोर्ट की टिप्पणी
दरअसल मुंबई मनपा में साल 2013 से 2016 के बीच नाला सफाई और सड़क निर्माण के नाम में हुए कथित घोटाले को आधार बनाकर सामाजिक कार्यकर्ता विवेकानंद गुप्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। गुरुवार को न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति भारती डागरे की बेंच के सामने याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस पर सुनवाई के दौरान बेंच ने उपरोक्त बाते कही। याचिका में दावा किया गया है कि मनपा कर्मचारियों ने ठेकेदारों से मिलकर नाला-सफाई के काम में जमकर गड़बड़िया की है। इसकी जांच की जानी चाहिए।
पुलिस के पास शिकायक की बजाय कोर्ट आ जाते हैं लोग
बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट में दायर होने वाली जनहित याचिकाओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ रही है। आर्थिक घोटाले के आरोपों को लेकर जागरुक नागरिक अदालत में याचिका दायर करते है पर पुलिस स्टेशन में एक सरल शिकायत भी नहीं करते है। यह पूरी तरह से अनुचित है। ऐसे में हाईकोर्ट में आपराधिक जनहित याचिका दायर करने से पहले याचिकाकर्ता अनिवार्य रुप से पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज कराए। बेंच ने इस मामले में याचिकाकर्ता को दस दिन के भीतर पुलिस के पास अपना बयान दर्ज कराने को कहा है।
Created On :   4 Jan 2018 11:27 PM IST