LLM की परीक्षा में शामिल न होने वाले छात्रों को फेल न माने यूनिवर्सिटी : बांबे हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने एडमिशन में देरी के चलते पढाई का पर्याप्त समय न पानेवाले मुंबई विश्वविद्यालय के LLM पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को राहत प्रदान की है। हाईकोर्ट ने कहा है कि मंगलवार से शुरु हो रही LLM की परीक्षा में जो विद्यार्थी शामिल नहीं होते, ऐसे विद्यार्थियों को अनुत्तीर्ण न माना जाए। इन विद्यार्थियों को दूसरे सेमिस्टर के साथ पहले सेमिस्टर की परीक्षा देने की अनुमति दी जाए। इस दौरान अदालत ने परीक्षा पर रोक लगाने व उसे स्थगित करने से इंकार कर दिया।
जस्टिस भूषण गवई व जस्टिस बीपी कुलाबावाला की बेंच ने LLM के विद्यार्थियों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया। इससे पहले बेंच को बताया गया कि LLM पाठ्यक्रम में 16 जनवरी 2018 तक एडमिशन दिए गए हैं। इसके चलते विद्यार्थियों को पढ़ाई का समय नहीं मिल पाया है। इसलिए परीक्षा पर रोक लगाई जाए अथवा परीक्षा को स्थगित करने का निर्देश दिया जाए। इस पर मुंबई यूनिवर्सिटी की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि कुछ बच्चों के देरी से एडमिशन हुए हैं, लेकिन काफी बच्चों के एडमिशन पहले हो गए हैं।
ऐसे में परीक्षा पर रोक लगाना उचित नहीं होगा। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने परीक्षा पर रोक लगाने अथवा उसे स्थगित करने से इंकार कर दिया लेकिन यह साफ किया कि जिन बच्चों के एडमिशन देरी से हुए है अथवा जो बच्चे परीक्षा में शामिल नहीं होना चाहते, ऐसे छात्रों को यूनिवर्सिटी अनुत्तीर्ण न माने और इनको दूसरे सेमिस्टर की परीक्षा के दौरान पहले सेमिस्टर की परीक्षा देने का मौका दिया जाए।
इससे पहले LLM विद्यार्थियों ने 23 जनवरी से होने वाली परीक्षा के बहिष्कार की घोषणा की थी। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर मनमानी करने के आरोप भी लगाए थे। छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन को विद्यार्थियों के हित से कोई वास्ता नहीं है। विश्वविद्यालय 12 दिन में LLM सत्र एक परीक्षा आयोजित कर सकती है, तो वह तीन महीने के भीतर दोनों वर्ष के चार सत्र की परीक्षा लेकर LLM की डिग्री भी दे सकती है।
Created On :   22 Jan 2018 11:59 PM IST