उप्र में एनकाउंटर को लेकर ब्राह्मण समुदाय में उबाल (आईएएनएस विशेष)

Boom in Brahmin community over encounter in UP (IANS special)
उप्र में एनकाउंटर को लेकर ब्राह्मण समुदाय में उबाल (आईएएनएस विशेष)
उप्र में एनकाउंटर को लेकर ब्राह्मण समुदाय में उबाल (आईएएनएस विशेष)
हाईलाइट
  • उप्र में एनकाउंटर को लेकर ब्राह्मण समुदाय में उबाल (आईएएनएस विशेष)

लखनऊ, 13 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में जातीय आक्रोश सुलग रहा है और इस बार यह आक्रोश ब्राह्मण समुदाय में है, जो इस राजनीतिक मंथन के केंद्र में है।

विकास दुबे और उसके पांच साथियों के एनकाउंटर से ब्राह्मण समुदाय में आक्रोश पैदा हो गया है, क्योंकि मारे गए सभी लोग इसी समुदाय से थे।

कांग्रेस के ब्राह्मण नेता इस मुद्दे को लेकर अधिक मुखर हैं और उनका कहना है कि ब्राह्मणों को एक व्यवस्थित तरीके से खत्म करने का अभियान चल रहा है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री तितिन प्रसाद ने एक वीडियो संदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने ब्राह्मणों को दरकिनार किए जाने और उन्हें निशाना बनाने पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने अपने समुदाय के लोगों से आग्रह किया है कि निजी मतभेदों को भुलाकर राज्य सरकार द्वारा पेश की गई चुनौती से लड़ने के लिए एकजुट हुआ जाए।

प्रसाद ने एक अभियान भी चला रखा है, जिसके तहत वह हरेक जिले में ब्राह्मण नेताओं को जोड़ रहे हैं।

कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता स्वयम प्रकाश गोस्वामी, जो कि ब्राह्मण सेना का नेतृत्व करते हैं, ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि वे विकास दुबे जैसे अपराधियों की गतिविधियों का समर्थन नहीं करते, लेकिन वह पुलिस द्वारा उसकी की गई हत्या का भी विरोध करते हैं।

उन्होंने कहा, दंड देने की जिम्मेदारी अदालत की है। पुलिस को बंदूक से फैसला करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। हरेक अपराधी अदालत में सुनवाई का सामना करने का हकदार है। छह लोगों की दिनदहाड़े हत्या की गई और हमें एक जैसी कहानी बताई गई। सच्चाई यह है कि वे सभी एक समुदाय से थे, यह महज संयोग नहीं हो सकता है।

शोषित कांग्रेस सवर्ण नामक कांग्रेस के एक व्हाट्सएप ग्रुप में समुदाय के अंदर व्याप्त गुस्से को देखा जा सकता है।

ग्रुप के सदस्यों ने योगी सरकार के दौरान मारे गए ब्राह्मणों की एक सूची जारी की है, जिनमें से अधिकांश मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

ब्राह्मणों के गुस्से को महसूस करते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने तुरंत जाति का पत्ता फेंका। उन्होंने ट्वीट किया कि दुबे के गलत कार्यो के लिए ब्राह्मण समुदाय को निशाना नहीं बनाया जाए।

मायावती ने एक श्रंखलाबद्ध ट्वीट में कहा, वे आतंकित हैं और भय में जी रहे हैं और इस पर गौर करने की जरूरत है।

मायावती ने भाजपा को सलाह दी कि वह दुबे के नाम पर राजनीति न करे और ऐसा कुछ भी करने से बाज आए, जिससे ब्राह्मणों में भय पैदा हो। उन्होंने कहा, राज्य सरकार को लोगों का विश्वास हासिल करने की जरूरत है और मजबूत सबूत के आधार पर ही कार्रवाई करने की जाए।

मायावती के सोशल इंजीनियरिंग फार्मूले का ब्राह्मण समुदाय एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, जिसके चलते उन्होंने 2007 में एक स्पष्ट बहुमत हासिल किया था।

लगता है कि बसपा इस मौके का फायदा उठाकर वापस ब्राह्मणों का समर्थन हासिल करना चाहती है, जो 2014 में बसपा से अलग होकर भाजपा की ओर चले गए थे।

समाजवादी पार्टी भी विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल उठा रही है। हालांकि सपा का सवाल जाति के कोण से नहीं है, लेकिन पार्टी के एक ब्राह्मण नेता ने कहा, हम किसी भी अपराधी की गिरफ्तारी का विरोध नहीं करते हैं, लेकिन पुलिस बंदूक से फैसला नहीं सुना सकती। यह निश्चित रूप से एक बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है।

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर स्वीकार किया कि विकास दुबे के मारे जाने से ब्राह्मण समुदाय में उसे लेकर भारी सहानुभूति पैदा हुई है।

भाजपा नेता ने कहा, जबतक वह जिंदा था, किसी ने भी उसका बचाव नहीं किया। लेकिन जिस तरीके से उसे मारा गया, समुदाय के भीतर उसे लेकर आक्रोश है। हमारे नेताओं को इस मुद्दे को जल्द से जल्द संभालना होगा, अन्यथा अगले विधानसभा चुनाव में यह हमारे खिलाफ जा सकता है।

Created On :   13 July 2020 8:00 PM IST

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