31 मार्च के बाद बेचे गए बीएस-4 वाहनों का पंजीकरण नहीं होगा : सुप्रीम कोर्ट

BS-4 vehicles sold after March 31 will not register: Supreme Court
31 मार्च के बाद बेचे गए बीएस-4 वाहनों का पंजीकरण नहीं होगा : सुप्रीम कोर्ट
31 मार्च के बाद बेचे गए बीएस-4 वाहनों का पंजीकरण नहीं होगा : सुप्रीम कोर्ट
हाईलाइट
  • 31 मार्च के बाद बेचे गए बीएस-4 वाहनों का पंजीकरण नहीं होगा : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों की बिक्री के लिए राष्ट्रव्यापी बंद के बाद 10 दिनों की मोहलत के अपने 27 मार्च के पुराने आदेश को वापस ले लिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि इन 10 दिनों में बेचे गए बीएस-4 वाहन का रजिस्ट्रेशन न किया जाए।

दरअसल, मार्च महीने में सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों को राष्ट्रव्यापी बंद खत्म होने के बाद 10 दिन तक बेचने की छूट दी थी। शीर्ष अदालत ने कहा था कि डीलर सिर्फ 10 फीसदी बीएस-4 वाहनों को बंद की अवधि खत्म होने के बाद 10 दिनों के अंदर बेच सकते हैं।

वहीं अब शीर्ष अदालत ने बुधवार को कहा कि वह 31 मार्च के बाद बिकने वाले बीएस- 4 वाहनों के पंजीकरण की अनुमति नहीं देगी।

न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर और इंदिरा बनर्जी के साथ न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएडीए) को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उसने राष्ट्रव्यापी बंद खुलने बाद बिक्री की अनुमति दी तो यह अदालत के आदेश का उल्लंघन होगा।

शीर्ष अदालत ने कहा, अगर कोई बीएस-4 वाहन 31 मार्च 2020 के बाद बेचा जाता है तो उसे पंजीकृत नहीं किया जाएगा।

एफएडीए का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता के.वी. विश्वनाथन ने दलील दी कि अदालत ने मार्च में पंजीकरण की अनुमति दी है और शीर्ष अदालत के आदेश में कहा गया है कि 31 मार्च के बाद कोई पंजीकरण न हो। इस तरह से अगर कोई इससे पहले कोई वाहन खरीदता है तो उसे पंजीकरण कराना ही होगा।

पीठ ने जवाब दिया कि वह आदेश पारित होने के बाद लेनदेन के बारे में कह रही है। अदालत ने कहा, हम केवल तभी संरक्षित (प्रोटेक्ट) करेंगे, जब वाहन पंजीकरण सही होगा। हम सरकार से वाहन डेटा की जांच करने के लिए कहेंगे। वाहनों को ऑनलाइन तीन प्रतिशत से 40 प्रतिशत की छूट पर कैसे बेचा गया? वह भी 31 मार्च के बाद..यह क्या धोखाधड़ी नहीं है?

न्यायाधीश मिश्रा ने एफएडीए से कहा कि धोखाधड़ी करके लाभ न लें। पीठ ने केंद्र से 31 मार्च को वाहन पोर्टल पोस्ट पर अपलोड किए गए वाहनों और इस तारीख से 15 दिन पहले का डेटा दर्ज करने को कहा। शीर्ष अदालत ने एफएडीए को सरकार को बेचे जाने वाले वाहनों का विवरण देने को भी कहा। पीठ ने मामले को 23 जुलाई को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया है।

बीएस का मतलब भारत स्टेज से है। इसका संबंध वाहनों द्वारा पैदा होने वाले प्रदूषण से है। बीएस का स्तर वाहनों का प्रदूषण तय करता है। बीएस का स्तर जितना अधिक रहेगा, वाहन उतना ही कम प्रदूषण पैदा करेगा।

Created On :   8 July 2020 6:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story