
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रियों की बस पर एक नहीं दो बार हमला हुआ था। आतंकियों की दो टीमों ने 75 मीटर की दूरी के बीच इन हमलों को अंजाम दिया। यह खुलासा जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा अमरनाथ यात्रा पर हुए हमले की रिपोर्ट में हुआ है। मंगलवार शाम जम्मू-कश्मीर सरकार ने यह रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी है। उधर नेशनल हाईवे-1 पर हिंदू संगठनों के विरोध प्रदर्शनों के चलते पाकिस्तान से भारत आने वाली बस का रूट बदल दिया गया है।
आतंकियों की दो टीमें थीं
अपनी दो पेजों की रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा है कि श्रीनगर से जम्मू की ओर जाते समय अनंतनाग जिले के संगम में बस का टायर पंचर हुआ, जिसके चलते बस अपने समय से 1 घंटे लेट चल रही थी। संगम से आगे बढ़ते हुए खानाबल के पास करीब 08.17 बजे बस पर पहला हमला हुआ। ड्राइवर को गोली लगी, लेकिन उन्होंने बस चलाना जारी रखा। 75 मीटर की दूरी पर आतंकियों की दूसरी टीम ने फिर बस पर गोलीबारी शुरू कर दी।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि कुछ किलोमीटर चलने के बाद बस अंततः पुलिस पॉइंट पर रूकी, जहां घायल यात्रियों का प्राथमिक उपचार किया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि इस हमले में 7 तीर्थयात्रियों की मौत हुई, साथ ही 19 यात्री घायल हो गए। अधिकतर घायलों को पैर, कंधों और नाक पर चोटें लगी।
सदा-ए-सरहद का रूट बदला
अमरनाथ यात्रा पर हुए हमले के बाद मंगलवार को लाहौर से दिल्ली आने वाली बस का रूट बदल दिया गया है। हिंदू संगठनों के प्रदर्शनों के चलते बस का रास्ता बदला गया है। नेशनल हाईवे-1 पर बड़ी संख्या में हिंदू संगठनों से जुड़े युवा इकट्ठे हैं। यहां हनुमान गढ़ी मंदिर परिसर से PWD रेस्ट हाउस तक मार्च करते हुए इन लोगों ने पाकिस्तान के विरोध में नारेबाजी की, साथ ही पाकिस्तानी झंडे को भी जलाया गया।
विरोध प्रदर्शन को देखते हुए लाहौर से दिल्ली आने वाली सदा-ए-सरहद बस का रूट बदल दिया गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे पाकिस्तान की ओर से आने वाली किसी बस को पगवारा से गुजरने नहीं देंगे। हालांकि दिल्ली से लाहौर जाने वाली बस का रूट नहीं बदला गया है। गौरतलब है कि सदा-ए-सरहद यात्री बस दिल्ली से लाहौर को जोड़ती है। यह बस वाघा बॉर्डर होते हुए चलती है। यह बस सर्विस 1999 में शुरू की गई थी।
Created On :   11 July 2017 7:11 PM IST