दिल्ली: तब्लीगी जमात मामले पर अंतरिम आदेश देने से SC का इनकार, कहा- प्रेस का गला नहीं घोटेंगे

Can’t gag media, says SC on Demonisation of Muslims’ over Tablighi Jamaat event plea
दिल्ली: तब्लीगी जमात मामले पर अंतरिम आदेश देने से SC का इनकार, कहा- प्रेस का गला नहीं घोटेंगे
दिल्ली: तब्लीगी जमात मामले पर अंतरिम आदेश देने से SC का इनकार, कहा- प्रेस का गला नहीं घोटेंगे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तब्लीगी जमात के मीडिया कवरेज के जरिए मुसलमानों की छवि खराब करने को लेकर दायर याचिका पर कोई अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि वह प्रेस का गला नहीं घोटेगा। चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस एमएम शांतनगौडर की तीन सदस्यीय बेंच ने इस याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की। कोर्ट ने मीयत उलेमा-ए-हिंद को याचिका में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) को पार्टी बनाने के लिए कहा। यह मामला दो सप्ताह बाद सुनवाई के लिए लिस्ट किया गया है।

मुस्लिम कौम को दागदार बनाने की कोशिश
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने याचिका में आरोप लगाया है कि मीडिया का एक वर्ग तबलीगी जमात को लेकर सांप्रदायिक नफरत फैला रहा है। इसमें कहा गया कि तब्लीगी जमात में हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए पूरे मुस्लिम समुदाय को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने अपनी याचिका में फर्जी खबरों को रोकने और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का निर्देश केंद्र को देने का अनुरोध किया है।मौलाना मदनी ने कहा कि तब्लीगी जमात की जो तस्वीर पेश की जा रही है, उससे लगता है कि मुल्क के अंदर कोरोना इन्हीं लोगों की वजह से आया है। इसके नाम पर पूरी मुस्लिम कौम को दागदार करने की कोशिश की जा रही है।

क्या है मामला?
देश में कोरनावायरस का संक्रमण फैलने के बावजूद दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में मार्च महीने में तब्लीगी जमात के देश-दुनिया के हजारों लोग शामिल हुए थे। बाद में इनमें से कई लोग अपने-अपने घर लौट गए और कछ वहीं रुक गए। जब तेलंगाना में जमात से जुड़े लोगों की कोरोनावायरस संक्रमण से मौत की खबर मिली तो पुलिस निजामुद्दीन मरकज पहुंची। यहां पर लॉकडाउन के बावजूद करीब 2300 लोग मौजूद थे। इनमें के कई लोगों में कोरोनावायरस के लक्षण भी थे। पुलिस ने कोरनावायरस के लक्षण वाले लोगों को अलग-अलग अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं अन्य लोगों को क्वारनटीन किया गया।

इस घटना के सामने आने के बाद देश में अचानक कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ गई। जो लोग मरकज से अलग-अलग राज्यों में गए थे उनके बारे में भी पता लगाया गया और उन्हें भी क्वारनटीन किया गया। मीडिया ने इस पूरे मामले को रिपोर्ट किया था और जमातियों को उनकी लापरवाही पर घेरा था।  केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने 4 अप्रैल को मीडिया को बताया था कि तब्लीगी जमात के कारण कोरोना के मामलों में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। बाद में कुछ जमातियों की नर्सों और डॉक्टरों के साथ अभद्रता करने की भी खबरें आई थी जिन्हें भी मीडिया ने कवर किया। 

Created On :   13 April 2020 8:25 PM IST

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