मुस्लिम युवक ने हिन्दू धर्म अपनाकर की शादी, पत्नी बोली अब मैं मां-बाप के साथ रहना चाहती हूं
- शादी के बाद पत्नी ने कोर्ट में कहा मैं अपने माता-पिता के साथ रहना चाहती हूं।
- शादी के लिए मुस्लिम युवक ने बदला अपना धर्म।
- हिन्दू बनकर रायपुर में किया विवाह।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक प्रेम प्रसंग के मामले की सुनवाई हुई। इस मामले में एक युवक ने युवती से शादी के लिए अपना धर्म परिवर्तन किया, लेकिन शादी के बाद युवती ने सुप्रीम कोर्ट मे कहा कि उसने शादी अपनी मर्जी से की है लेकिन वह अब अपने माता-पिता के साथ रहना चाहती है। 33 वर्षीय मुस्लिम युवक ने महिला से शादी करने के लिए हिंदू धर्म अपना लिया था। उसने अपना नाम बदलकर आर्यन आर्या कर 23 वर्षीय हिंदू जैन महिला से रायपुर में शादी की थी।
जब युवती ने अपने परिवार के साथ रहने की बात कही तो युवक ने हेबीअस कॉर्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका के साथ 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। युवक ने आरोप लगाया कि लड़की के माता-पिता और कुछ हिन्दूओं ने उन्हें जबरदस्ती अलग कर दिया। युवती ने जज के सामने बताया कि वह बालिग है और उसने अपनी मर्जी से ये शादी की थी, लेकिन अब वह अपने माता-पिता के रहना चाहती है। इस पर युवक के वकील नैयर का कहना है था कि युवती परिवार के दवाब में आकर इस तरह की बात कही रही है। जिस पर सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस ए एम खानविलकर तथा डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि लड़की बालिग है और उसकी इच्छा का सम्मान करना चाहिए। अगर वह अपने पति के साथ नहीं जाना चाहती है तो यह एक वैवाहिक मामला है और इसका उचित अदालत में समाधान हो सकता है।
जज के सामने महिला के पेश करने के पहले ही राज्य के वकील जनरल जुगल किशोर गिलडा ने कहा था कि यह फर्जी शादी है क्योंकि युवक ने अपने दो बार तलाकशुदा होने की बात छुपाई थी। हालांकि चीफ जस्टिस ने इस बात पर कोई ध्यान नहीं दिया। महिला ने पीठ के सामने बार-बार कहा कि हालांकि उसने उस युवक शादी जरूर की थी लेकिन अब वह अपने माता-पिता के साथ रहना पसंद करेगी। लड़की ने पीठ को बताया कि उस पर किसी का दबाव नहीं है।
Created On :   28 Aug 2018 11:10 AM IST