अब CBI कराना चाहती है कार्ति चिदम्बरम का नार्को टेस्ट, कोर्ट से मांगी इजाजत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। INX मीडिया मामले में घूस लेने के आरोपी कार्ति चिदंबरम का सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) नार्को टेस्ट कराना चाहती है। बुधवार को CBI ने एक स्थानीय अदालत में कार्ति चिदम्बरम के नार्कों टेस्ट की अनुमति मांगी। जिसके बाद CBI को अदालत ने कहा, अदालत नौ मार्च को इस मामले पर दो अन्य आवेदनों के साथ विचार करेगी। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को CBI ने कोर्ट में कार्ति से पूछताछ के लिए 9 दिनों की रिमांड मांगी थी जिसके बाद CBI कस्टडी तीन दिन के लिए बढ़ा दी गई थी।
न्यायाधीश सुनील राणा ने कहा अदालत 9 मार्च को इस मामले पर दो अन्य आवेदनों के साथ विचार करेगी। अन्य दो आवेदनों में कार्ति चिदम्बरम के चार्टर्ड अकाउंटेंट एस भाष्करण और सह आरोपी इंद्राणी मुखर्जी की पेशी वॉरंट की मांग की गई है। मालूम हो कि भास्करण को मनीलॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
कार्ति चिदंबरम की बढ़ाई गई थी CBI कस्टडी
इससे पहले कोर्ट ने मंगलवार को कार्ति चिदंबरम की CBI कस्टडी तीन दिन के लिए बढ़ा दी थी। CBI ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में उनके हाथ कुछ महत्वपूर्ण सबूत लगे हैं, ऐसे में उन्हें कार्ति से पूछताछ करने के लिए कुछ और समय चाहिए। CBI ने कोर्ट को यह भी बताया था कि मामले की जांच में कार्ति चिदम्बरम बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहे हैं। CBI ने बताया था, "मोबाइल फोन जब्त करने के बाद भी यदि आरोपी कहे कि ‘मैं पासवर्ड नहीं दूंगा, भाड़ में जाओ तुम’ तो इसे सहयोग न करना ही कहा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में कार्ति की रिमांड बढ़ाने के लिए सीबीआई ने यह भी दलील दी थी कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए अभी और सघन पूछताछ की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट से भी मिला था झटका
वहीं कार्ति चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से भी करारा झटका मिला था। कार्ति ने सुप्रीम कोर्ट में ED के समन को रद्द करने की मांग की थी। कार्ति का कहना था कि CBI की FIR के आधार पर ED को नोटिस जारी करने का कोई अधिकार नहीं है, लिहाजा ED का समन रद्द किया जाए। जिसके बाद कोर्ट ने कार्ति की अपील को ठुकरा दिया था। साथ ही कोर्ट ने CBI और ED से भी इस बारे में 2 दिनों के अंदर जवाब देने को कहा था।
इंद्राणी बोली- कार्ति ने 10 लाख डॉलर मांगे
इससे पहले INX मीडिया की डायरेक्टर रहीं इंद्राणी मुखर्जी ने कार्ति को 10 लाख डॉलर देने की बात कही थी। एक टीवी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, इंद्राणी ने अपने बयान में कहा था कि "वो और उनके पति पीटर मुखर्जी तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के कहने पर कार्ति से मिले थे। उनकी मुलाकात दिल्ली के एक होटल में हुई थी जहां कार्ति ने उनसे रिश्वत के तौर पर 10 लाख डॉलर की डिमांड की थी।"
28 फरवरी को हुई है कार्ति की गिरफ्तारी
कार्ति चिदंबरम को INX मीडिया से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में 28 फरवरी को चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। कार्ति 28 फरवरी को ही लंदन से लौटे थे और उन्हें एयरपोर्ट पर ही CBI ने गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद उसी दिन उन्हें पाटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां कार्ति को 1 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया। इसके बाद कार्ति की रिमांड पहले 5 दिन और फिर बाद में 3 दिन और बढ़ा दी गई थी।
कार्ति पर क्या हैं आरोप?
इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने मई 2017 में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ मई 2017 में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज किया था। कार्ति पर आरोप है कि उन्होंने अपने पिता के पॉवर का गलत इस्तेमाल कर कंपनियों को फायदा पहुंचाया और उसके एवज में फंड लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार्ति ने साल 2007 में मुंबई की INX मीडिया कंपनी को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी दिलाने में मदद की। इसके बाद INX को 305 करोड़ रुपए मिले और इसके बदले में कार्ति को 10 लाख डॉलर (करीब 7 करोड़ रुपए) दिए गए। उस दौरान उनके पिता पी. चिदंबरम यूपीए सरकार में वित्त मंत्री थे। FIPB की मंजूरी मिलने के बाद INX मीडिया और कार्ति की कंपनियों के बीच 3.5 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ। बता दें कि INX मीडिया कंपनी के मालिक पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी हैं, जो अपनी बेटी शीना बोरा के मर्डर के आरोप में जेल में बंद हैं।
Created On :   7 March 2018 9:28 PM IST