उन्नाव गैंगरेप केस: BJP विधायक की CBI रिमांड 7 दिन बढ़ी
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उन्नाव गैंगरेप के आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर की सीबीआई रिमांड 7 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है। शुक्रवार को आरोपी विधायक को पॉक्सो कोर्ट में पेश किया गया। सीबीआई ने सेंगर की रिमांड बढ़ाने की मांग करते हुए सीजीएम को एप्लिकेशन दी थी। जिसके बाद स्पेशल जज एडीजे आशुतोष कुमार ने सेंगर की सीबीआई रिमांड 27 अप्रैल को 10 बजे तक के लिए बढ़ा दी।
21 तारीख तक की रिमांड पर था सेंगर
इससे पहले 14 अप्रैल को सीबीआई कोर्ट में सेंगेर को पेश किया गया था जहां से उसे 7 दिनों की रिमांड पर भेज दिया गया था। ये रिमांड 21 तारीख को खत्म हो रही थी। शुरुआती जांच में सीबीआई को गैंगरेप के आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं। सीबीआई ने सेंगर के दो फोन भी अपने कब्जे में लिए थे। पेशी में जाने से पहले मीडिया से बात करते हुए सेंगर ने कहा था कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। वहीं सेंगर को दी गई Y कैटेगरी की सुरक्षा भी वापस ले ली गई है। सेंगर की सुरक्षा में एक एचसीपी व तीन सिपाही उसके आवास और तीन सिपाही अंगरक्षक के रूप में तैनात किए गए थे।
क्या है मामला?
- रविवार 8 अप्रैल 2018 को पीड़ित युवती ने परिवार के साथ लखनऊ में सीएम हाउस के बाहर खुदकुशी करने का प्रयास किया।
- युवती ने आरोप लगाया कि बांगरमऊ के बीजेपी विधायक ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसके साथ गैंगरेप किया है।
- सोमवार 9 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपी विधायक को तलब किया था, उसके बाद कहा था कि जांच के आदेश दिए गए है।
- इसी दिन पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई।
- कहा गया कि 3 अप्रैल को मुक़दमा वापस न लेने पर विधायक के भाई ने पीड़िता के पिता को बेरहमी से पीटा था।
- बावजूद इसके आरोपी विधायक पर केस दर्ज करने की बजाय पुलिस ने पीड़िता और उसके परिवार पर ही केस दर्ज कर लिया और पिता को ज़ख़्मी हालत में जेल भेज दिया।
- पुलिस हिरासत में मौत के मामले में थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसवालों को संस्पेंड कर दिया गया।
- मंगलवार 10 अप्रैल को पिटाई मामले में BJP विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह के अलावा समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
- गैंगरेप केस की जांच के लिए एसआईटी का किया गया गठन।
- बुधवार 11 अप्रैल देर रात यूपी के सीएम ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया।
- गुरुवार 12 अप्रैल को विधायक के खिलाफ FIR दर्ज की गई। विधायक के खिलाफ IPC की धारा-363, 366, 376, 506 और POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया।
- प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार और डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। ओपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधायक को "माननीय" कहकर संबोधित किया। मीडिया ने इस पर कड़ी आपत्ति जाहिर की।
- संगीन धाराओं के बाद भी विधायको को गिरफ्तार नहीं किया गया।
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केस पर सुनवाई करते हुए योगी सरकार से पूछा- एक घंटे में बताएं आरोपी बीजेपी विधायक को गिरफ्तार करेंगे या नहीं?
- सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से कहा कि "अभी बीजेपी विधायक के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, जब कोई सबूत होगा तो गिरफ्तारी होगी।" इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि "इसी तरह के बाकी मामलों में भी क्या सबूतों का इंतजार करते हैं?"
- शाम तक केंद्र सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की मंजूरी दे दी।
- शुक्रवार 13 अप्रैल तड़के करीब 4 बजे सीबीआई ने विधायक को हिरासत में ले लिया।
- हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि विधायक को हिरासत में नहीं, बल्कि गिरफ्तार किया जाए।
- करीब 15 घंटों की पूछताछ के बाद विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया।
- शनिवार 14 अप्रैल को कुलदीप सिंह सेंगर को लखनऊ की अदालत में पेश किया गया।
- अदालत ने CBI की मांग पर सेंगर को 7 दिनों की कस्टडी में भेज दिया।
- विधायक की सहयोगी शशि सिंह को शाम तक CBI ने गिरफ्तार कर लिया।
- शशि सिंह ने ही पीड़िता को घटना वाले दिन सेंगर के घर तक पहुंचाया था।
Created On :   20 April 2018 9:00 PM IST