उन्नाव गैंगरेप: CBI का खुलासा, पीड़िता के पिता के खिलाफ दर्ज FIR फर्जी
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उन्नाव गैंगरेप मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (CBI) के हाथ कुछ ऐसे सबूत लगे हैं जो ये साबित करते हैं कि पीड़िता के पिता के खिलाफ दर्ज की गई FIR फर्जी थी। दरअसल गैंगरेप पीड़िता पर आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर मुक़दमा वापस लेने का दबाव बना रहा था। मुकदमा वापस न लेने पर विधायक के भाई अतुल सिंह ने 3 अप्रैल को पीड़िता के पिता को बेरहमी से पीटा था। इसके बाद पुलिस ने पीड़िता और उसके परिवार पर ही उल्टा केस दर्ज कर लिया था। पिता को ज़ख़्मी हालत में जेल भेज दिया गया। 9 अप्रैल को पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी।
टिंकू सिंह के नाम से FIR
पीड़िता के पिता के खिलाफ FIR कराने वाले टिंकू सिंह के बारे में CBI को पता चला है कि टिंकू सिंह ने ये FIR दर्ज नहीं कराई थी। टिंकू सिंह के नाम पर आरोपियों ने ही फर्जी शिकायत दर्ज कर FIR कराई थी। टिंकू सिंह पीड़ित परिवार का रिश्तेदर है। टिंकू सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि वो पढ़ा-लिखा ही नहीं है। बता दें कि घटना के बाद से ही टिंकू सिंह गायब है। टिंकू सिंह के परिजनों ने इसकी जानकारी पुलिस थाने में भी दी है। परिजनों को आशंका है कि टिंकू सिंह के साथ कोई अनहोनी घटी है। हालांकि पुलिस ने अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
अब तक क्या-क्या हुआ इस मामले में?
- रविवार 8 अप्रैल 2018 को पीड़ित युवती ने परिवार के साथ लखनऊ में सीएम हाउस के बाहर खुदकुशी करने का प्रयास किया।
- युवती ने आरोप लगाया कि बांगरमऊ के बीजेपी विधायक ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसके साथ गैंगरेप किया है।
- सोमवार 9 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपी विधायक को तलब किया था, उसके बाद कहा था कि जांच के आदेश दिए गए है।
- इसी दिन पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई।
- कहा गया कि 3 अप्रैल को मुक़दमा वापस न लेने पर विधायक के भाई ने पीड़िता के पिता को बेरहमी से पीटा था।
- बावजूद इसके आरोपी विधायक पर केस दर्ज करने की बजाय पुलिस ने पीड़िता और उसके परिवार पर ही केस दर्ज कर लिया और पिता को ज़ख़्मी हालत में जेल भेज दिया।
- पुलिस हिरासत में मौत के मामले में थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसवालों को संस्पेंड कर दिया गया।
- मंगलवार 10 अप्रैल को पिटाई मामले में BJP विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह के अलावा समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
- गैंगरेप केस की जांच के लिए एसआईटी का किया गया गठन।
- बुधवार 11 अप्रैल देर रात यूपी के सीएम ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया।
- गुरुवार 12 अप्रैल को विधायक के खिलाफ FIR दर्ज की गई। विधायक के खिलाफ IPC की धारा-363, 366, 376, 506 और POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया।
- प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार और डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। ओपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधायक को "माननीय" कहकर संबोधित किया। मीडिया ने इस पर कड़ी आपत्ति जाहिर की।
- संगीन धाराओं के बाद भी विधायको को गिरफ्तार नहीं किया गया।
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केस पर सुनवाई करते हुए योगी सरकार से पूछा- एक घंटे में बताएं आरोपी बीजेपी विधायक को गिरफ्तार करेंगे या नहीं?
- सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से कहा कि "अभी बीजेपी विधायक के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, जब कोई सबूत होगा तो गिरफ्तारी होगी।" इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि "इसी तरह के बाकी मामलों में भी क्या सबूतों का इंतजार करते हैं?"
- शाम तक केंद्र सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की मंजूरी दे दी।
- शुक्रवार 13 अप्रैल तड़के करीब 4 बजे सीबीआई ने विधायक को हिरासत में ले लिया।
- हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि विधायक को हिरासत में नहीं, बल्कि गिरफ्तार किया जाए।
- करीब 15 घंटों की पूछताछ के बाद विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया।
- शनिवार 14 अप्रैल को कुलदीप सिंह सेंगर को लखनऊ की अदालत में पेश किया गया।
- अदालत ने CBI की मांग पर सेंगर को 7 दिनों की कस्टडी में भेज दिया।
- विधायक की सहयोगी शशि सिंह को शाम तक CBI ने गिरफ्तार कर लिया।
- शशि सिंह ने ही पीड़िता को घटना वाले दिन सेंगर के घर तक पहुंचाया था।
Created On :   18 April 2018 8:30 PM IST