पशु वध के लिए मवेशियों की खरीद फरोख्त पर रोक

अधिसूचना के मुताबिक, पशु बाजार समिति के सदस्य सचिव को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी शख्स बाजार में अवयस्क पशु को बिक्री के लिए न लेकर आए. किसी भी शख्स को पशु बाजार में मवेशी को लाने की इजाजत नहीं होगी, जबतक कि वहां पहुंचने पर वह पशु के मालिक द्वारा हस्ताक्षरित यह लिखित घोषणा-पत्र न दे दे, जिसमें मवेशी के मालिक का नाम और पता हो और फोटो पहचान-पत्र की एक प्रति भी लगी हो. यह भी स्पष्ट करना होगा कि मवेशी को बिक्री के लिए लाने का उद्देश्य उसका वध नहीं है.
पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने को बताया कि अधिसूचना पशु कल्याण के निर्देश के अनुरूप है.अधिसूचना में पशु बाजार को भी चिह्नित किया गया है. इसके अनुसार, ऐसी जगह जहां जानवरों को अन्य स्थानों से बेचने के लिए लाया जाता है और यह जगह किसी बाजार या बूचड़खाने से जुड़ा हुआ हो, पशु बाजार कहा जाएगा. पशु कल्याण बोर्ड के कानूनी उप समिति के पूर्व सदस्य एन.जी. जयसिम्हा ने कहा कि वर्तमान खुले बाजार की व्यवस्था में जहां दूध और वध वाले जानवरों की खरीद फरोख्त की अनुमति है और जहां हजारों क्रेता-बिक्रेता मौजूद हैं, किसी जानवर के मूल मालिक का पता लगाना मुश्किल काम है.
उन्होंने कहा कि इसीलिए, पशु क्रूरता निरोधक (पशुधन बाजार नियमन) नियम- 2017 को अधिसूचित किया गया है.
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Created On :   27 May 2017 7:36 AM IST