केंद्र सरकार ने नामंजूर की कॉलेजियम की सिफारिश, दूसरी बार लौटाई फाइल
- इलाहाबाद हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार ने दूसरी बार कॉलेजियम की सिफारिश नामंजूर कर दी है।
- केंद्र ने ढाई साल में दूसरी बार फाइल लौटाई है।
- कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट को जज सागिर अहमद के बेटे मोहम्मद मंसूर और बशारत अली खान के नाम केंद्र को भेजे थे।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इलाहाबाद हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार ने दूसरी बार कॉलेजियम की सिफारिश नामंजूर कर दी है। केंद्र ने ढाई साल में दूसरी बार फाइल लौटाई है। कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट के दिवंगत जज सागिर अहमद के बेटे मोहम्मद मंसूर और बशारत अली खान के नाम केंद्र को भेजे थे। दोनों हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं। केंद्र सरकार ने कहा है कि दोनों उम्मीदवारों के खिलाफ कई शिकायतें हैं, लेकिन कॉलेजियम ने इन्हें मामूली बताया है।
नए नामों पर हो सकता है विचार
बता दें कि कॉलेजियम के 5 जजों में शामिल जस्टिस जे चेलमेश्वर शुक्रवार को रिटायर हो गए हैं। अब सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में किसी नए सदस्य को शामिल करेगा। माना जा रहा है कि इसके बाद जजों के पद पर नियुक्ति के लिए नए नामों पर विचार हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट के शीर्ष पांच न्यायाधीश कॉलेजियम का हिस्सा होते हैं। इसके अलावा केंद्र ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट जज के लिए वकील नाजिर अहमद बेग की नियुक्ति की सिफारिश को भी नामंजूर कर दिया है। वही तीन अन्य वकीलों वसीम सादिक नारगल, सिंधू शर्मा और राशिद अली डार की नियुक्तियों को आगे बढ़ाया गया है। हालांकि केंद्र ने नाजिर अहमद बेग का नाम लौटाए जाने के कारणों का खुलासा नहीं किया है।
मोदी सरकार पहले भी लौटा चुकी है फाइल
मोदी सरकार इससे पहले भी एक बार शिकायतों का हवाला देते हुए मंसूर और खान के नाम की सिफारिश वाली फाइल रिटर्न कर चुकी है। कॉलेजियम ने उनके खिलाफ शिकायतों को गंभीर न मानते हुए अपनी सिफारिश दोहराई थी। करीब ढाई साल तक फाइल को लंबित रखने के बाद सरकार ने पिछले महीने फाइल लौटाई थी। दोनों वकील इलाहाबाद हाई कोर्ट में वरिष्ठ स्थाई वकील के तौर पर नियमित तौर पर पेश हो रहे हैं।
Created On :   24 Jun 2018 9:06 PM IST