सिक्किम विवाद : सरकार के साथ विपक्ष की बैठक, कूटनीति से विवाद हल करने पर जोर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत-चीन विवाद पर सरकार के साथ हुई विपक्षी नेताओं की बैठक में कूटनीति से सीमा पर फैले तनाव को खत्म करने पर जोर दिया गया है। हालांकि इस दौरान राष्ट्रीय एकता, अखंडता से किसी तरह का समझौता ना करने की बात भी कही गई है। यह बात विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने सर्वदलीय बैठक के बाद कही। सोमवार को संसद सत्र शुरू होने से पहले हुई इस बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा अन्य दलों के नेताओं को चीन से जारी विवाद पर पूरी जानकारी दी गई।
सिक्किम के डोकलाम क्षेत्र में भारत-चीन की सेना एक-दूसरे के सामने खड़ी हैं। भारतीय सेना द्वारा सिक्किम सेक्टर में चीन के रोड़ निर्माण कार्य को रोकने के बाद से यहां तनाव फैला हुआ है। इस मामले पर विभिन्न दलों को सूचित करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा एक बैठक आयोजित की गई थी। इस दौरान प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा कूटनीति से विवाद हल करने की बात कही गई। बैठक का विवरण देते हुए गोपाल बागले ने बताया कि गोपाल बागले ने बताया कि डोभाल और जयशंकर ने कांग्रेस, वामपंथी दलों, राकांपा और तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी नेताओं के सामने विस्तृत प्रस्तुतीकरण देते हुए कहा कि भारतीय सेना का भारत-भूटान-चीन ट्राईजंक्शन में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ गतिरोध चल रहा है। शीर्ष मंत्रियों ने विपक्षी नेताओं को बताया कि डोभाल 26-27 जुलाई को चीन जाएंगे और चीन के सामने भारत का पक्ष रखेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत-चीन के बीच विवाद हमेशा से रहे हैं। लेकिन इन विवादों ने कभी बड़े झगड़ों का रूप नहीं लिया।
बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षा मंत्री अरुण जेटली, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव एस जयशंकर मौजूद थे। वहीं विपक्षी दलों में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मल्लिकार्जुन खड़गे, CPI-M नेता सीताराम येचूरी, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता तारीक अनवर, जदयू नेता शरद यादव, केसी त्यागी और बीजेपी के एनडीए सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख राम विलास पासवान मौजूद थे। चीन के साथ डोकलाम में फैला इस तनाव पर यह बैठक सोमव विवाद से
Created On :   14 July 2017 11:54 PM IST