मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति को लेकर संस्थानों पर सरकार सख्त
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति के छात्रों को मिलने वाली मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति (पीएमएसएससी) के संबंध में सभी राज्यों को नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक सभी दलित विद्यार्थियों की मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति अब आवश्यक रूप से सीधे उनके खाते में स्थानांतरित होगी। साथ ही जिन संस्थानों में 50 फीसदी से कम दलित विद्यार्थी अगले शैक्षणिक सत्र में पहुंचेंगे, उन संस्थानों को मिलने वाली छात्रवृत्ति पर रोक लगेगी।
फर्जीवाड़े की शिकायत मिलने पर कड़े किए नियम
केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के मुताबिक कई राज्यों से मिली शिकायतों के बाद मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति के संबंध में नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति लेने के लिए कई संस्थान व कॉलेज पहले वर्ष दलित छात्रों की ज्यादा संख्या दिखाते हैं, लेकिन अगली कक्षा में इन छात्रों की संख्या काफी कम हो जाती है। इसका मतलब यह है कि या तो उस संस्थान में पढ़ाई की गुणवत्ता ठीक नहीं है या फिर दलित छात्रों के आंकड़े में हेराफेरी की गई है।
इसी फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के मकसद से सरकार ने अब इसके नियम सख्त किए हैं। इसके मुताबिक यदि किसी संस्थान में मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति पाने वाले कुल छात्रों में से 50 फीसदी से कम छात्र अगली कक्षा में पहुंचते हैं, तो उस संस्थान को मिलने वाली छात्रवृत्ति तत्काल रोक दी जाएगी। हालांकि निर्देश में यह भी कहा गया है कि जो संस्थान 50 फीसदी से कम छात्रों के अगली कक्षा में पहुंचने का उचित कारण (सूखा, बाढ़, कानून व्यवस्था आदि ) बताएंगे, उन्हें मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति से वंचित नहीं होना पड़ेगा।
जल्द जारी होगी बकाया छात्रवृत्ति
इसी प्रकार मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति की राशि अब सीधे विद्यार्थियों के खाते में जमा होगी। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) से एक तो छात्रवृत्ति की राशि सीधे लाभार्थियों के खाते में जाएगी और दूसरा फर्जीवाड़ा रूकने से सरकार के सालाना करोड़ों रूपये बचेंगे। केंद्र सरकार मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति की बकाया राशि जल्द ही राज्यों को भेजने वाली है। जानकारी के मुताबिक इस मद में विभिन्न राज्यों का लगभग सात हजार करोड़ रूपये बकाया है।
Created On :   10 May 2018 11:22 PM IST