मुसीबत में केन्द्र सरकार, आंध्र के बाद अब बंगाल में भी CBI को ‘नो एंट्री’
- TDP ने कहा- मोदी सरकार CBI को गलत उपयोग कर रही है
- इसीलिए लिया फैसला
- आंध्र प्रदेश में जांच के लिए CBI को लेनी होगी राज्य सरकार की परमिशन
- कांग्रेस और ममता बनर्जी ने चंद्रबाबू नायडू के इस फैसले को सराहा
डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। आंध्र प्रदेश के बाद अब पश्चिम बंगाल में भी CBI अपनी मर्जी से जांच या छापामार कार्रवाई नहीं कर सकेगी। पश्चिम बंगाल सरकार ने CBI को राज्य में छापे मारने या जांच करने के लिए दी गई रजामंदी को वापस ले लिया है। आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में CBI की दखलअंदाजी पर पाबंदी लगाने के तुरंत बाद ममता सरकार ने पश्चिम बंगाल में भी इसे लागू कर दिया है। पश्चिम बंगाल राज्य सचिवालय के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी है। हालांकि इसकी आधिकारीक घोषणा अभी सामने नहीं आई है। दो राज्यों द्वारा इस तरह का एक्शन लेने के बाद केन्द्र सरकार की मुसीबत बढ़ गई है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले के ठीक पहले आंध्र प्रदेश सरकार का वह नोटिफिकेशन सामने आया था, जिसमें CBI को राज्य में बिना इजाजत छापामारी करने की कार्रवाई पर बैन लगा दिया गया था। नोटिफिकेशन के अनुसार, CBI को किसी भी मामले की जांच पड़ताल के लिए आंध्र में प्रवेश करने से पहले चंद्रबाबू नायडू सरकार से अनुमति लेनी होगी। आंध्र सरकार ने इसके लिए 8 नवंबर को एक नोटिफिकेशन जारी किया था। हालांकि CBI की ओर से अब तक इस तरह का कोई भी नोटिफिकेशन मिलने की बात से इंकार किया गया है।
TDP सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर ‘दिल्ली स्पेशल पुलिस इश्टैब्लिशमेंट’ के सदस्यों को राज्य के अंदर अपनी शक्तियों का उपयोग करने की अनुमति वापस ले ली है। इसका मतलब यह है कि सीबीआई राज्य सरकार को बिना कोई सूचना दिये राज्य में जाकर किसी भी मामले में कभी भी छानबीन या छापेमारी नहीं कर सकती है। राज्य सरकार ने सीबीआई की अनुपस्थिति में आंध्र प्रदेश में सर्च, रेड या जांच का काम ऐंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) से कराने का फैसला लिया है।
Andhra Pradesh Government has withdrawn the ‘General Consent’ given to the members of Delhi Special Police Establishment to exercise powers jurisdiction in the state. In the absence of this permission, CBI can"t interfere with any case that takes place within the limits of AP pic.twitter.com/bUgvB3hgBD
— ANI (@ANI) November 16, 2018
इस फैसले पर TDP का कहना है कि यह फैसला पिछले 6 महीनों से सीबीआई में हो रही घटनाओं के चलते लिया गया है। TDP नेता लंका दिनाकर ने कहा है, "मोदी सरकार के दखल की वजह से CBI ने अपनी आजादी खो दी है। मोदी सरकार CBI का इस्तेमाल अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ फर्जी मामले गढ़ने के लिए कर रही है।"
चंद्रबाबू नायडू के इस फैसले का पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने स्वागत किया था। बनर्जी ने कहा था कि आंध्र सरकार का फैसला सही है। सीबीआई इन दिनों बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है और BJP सरकार एजेंसी का इस्तमाल अपने राजनैतिक स्वार्थ साधने के लिए कर रही है। नायडू के इस फैसले का कांग्रेस ने भी समर्थन किया है। कांग्रेस के नेता पीसी चाको ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू ने CBI को लेकर जो फैसला लिया है उसे हर राज्यों को लेना चाहिए।
Created On :   16 Nov 2018 7:07 PM IST