चिदंबरम के आशीर्वाद से बढ़ा मेहुल चौकसी का कारोबार : रविशंकर प्रसाद

Chidambaram Blessed Mehul Choksi Gold Import Rule says Ravi Shankar
चिदंबरम के आशीर्वाद से बढ़ा मेहुल चौकसी का कारोबार : रविशंकर प्रसाद
चिदंबरम के आशीर्वाद से बढ़ा मेहुल चौकसी का कारोबार : रविशंकर प्रसाद

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर मेहुल चोकसी की मदद करने के आरोप लगाए है। रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा, पी. चिदंबरम के द्वारा शुरू की गई योजना से पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चौकसी की मदद की गई। रविशंकर प्रसाद ने ज्वेलरी इम्पोर्ट की 80:20 योजना के नियम बदलाव को लेकर भी UPA सरकार पर सवाल खड़ा किया।

7 निजी कंपनियों को आशीर्वाद दिया गया
रविशंकर प्रसाद ने कहा, "अगस्त 2013 में 80:20 योजना की शुरुआत की गई, जिसे नवंबर 2014 में खत्म किया गया। चुनाव परिणाम की घोषणा के दिन 16 मई 2014 को तत्कालीन वित्तमंत्री ने 80:20 योजना के तहत 7 निजी कंपनियों को आशीर्वाद दिया। इनमें से एक गीतांजलि भी थी।" पहले इस स्कीम में केवल सरकारी कंपनी को रखा गया था, लेकिन यूपीए सरकार ने 2014 में इस योजना में बदलाव कर दिया। रविशंकर प्रसाद ने कहा की चिदंबरम जी को यह बताना चाहिए कि नियम में बदलाव करके उन्होंने क्यों फायदा दिया। 

क्या थी 80:20 योजना
80:20 योजना की शुरुआत अगस्त 2013 में हुई थी। करंट अकाउंट डेफिसिट बहुत गंभीर हो गया था। सोने के इम्पोर्ट को नियंत्रित करने के लिए सिर्फ एमएमटीसी और पीएसयू को ही सोने के इम्पोर्ट का अधिकार था। इसको बदलकर कुछ प्राइवेट एजेंसियों को भी सोने के आयात और निर्यात की अनुमति गई। हालांकि इसके लिए ये शर्त रखी गई कि केवल वहीं प्राइवेट एजेंसिया सोना इम्पोर्ट कर सकती थी जिसने पिछले इम्पोर्ट का 20 प्रतिशत सोना एक्सपोर्ट किया हो और बाकी बचा 80 प्रतिशत सोना घरेलू उपभोग के लिए हो। यह नियम नवंबर, 2014 में NDA के सत्ता में आने के बाद समाप्त कर दिया गया था।

पी चिदंबरम की भूमिका पर बैठक में उठे थे सवाल
पिछले सप्ताह हुई पब्लिक अकाउंट्स कमिटी (PAC) की उप-समिति की बैठक में भाजपा सदस्यों ने इस योजना के क्रियान्वयन में चिदंबरम की भूमिका पर सवाल उठाया था। सदस्यों ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की भूमिका पर भी सवाल उठाया। उनका कहना था कि कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि आभूषण व्यवसायियों को एक डॉलर के लाभ की मदद के लिए इस योजना के तहत सरकार को शुल्क-त्याग के रूप में 221.75 रुपए की लागत उठानी पड़ी। दुबे ने बैठक में कहा कि कैग की रिपोर्ट में यह स्पष्ट संकेत है कि आभूषण कारोबारियों ने इस योजना का दुरुपयोग कर कालेधन को अंदर-बाहर किया। 

Created On :   5 March 2018 8:34 PM IST

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