मेडिकल साइंस का कमाल, ऐसे जुदा हुए सिर से जुडे दो बच्चे

डिजिटल डेस्क,भोपाल। डॉक्टर को भगवान का रूप कहा जाता हैं। ये केवल मुंह से निकले अल्फाज नहीं हैं। ओडिशा एक परिवार के लिए मेडिकल साइंस और डॉक्टर्स फरिश्ते बनकर आए हैं। दिल्ली के एम्स के डॉक्टरों ने आपस में सिर से जुड़े ढाई साल के दो बच्चों के सिर 11 घंटे की संर्जरी के बाद अलग कर दिया है। फिलहाल दोनों बच्चों को 72 घंटे के लिए आईसीयू में रखा गया है। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
आपको बता दें ओडिशा के जुड़वा बच्चे जगा और कालिया जन्म से ही सिर से जुड़े थे। 30 डॉक्टरों की टीम ने 11 घंटे की मैराथन सर्जरी के बाद उनके सिर अलग करने में कामयाबी हासिल की। सर्जरी बुधवार सुबह 9 बजे शुरू हुई थी। बच्चों के ऑपरेशन के बाद ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री प्रताप जेना ने भुवनेश्वर में डॉक्टर्स को धन्यवाद दिया और बच्चों की हालत स्थिर होने की जानकारी भी दी। इस सर्जरी के लिए ओडिशा सरकार ने 1 करोड़ रुपए की मदद दी है।
ऑपरशन में न्यूरो सर्जरी, न्यूरो एनेस्थेशिया और पीडियाट्रिक्स विभागों के 30 डॉक्टरों की टीम शामिल थी। बुधवार रात 10 बजे तक सर्जरी का पहला चरण पूरा किया गया और दोनों बच्चों के सिर अलग कर दिए गए, लेकिन ऑपरेशन का दूसरा चरण गुरुवार तक चलेगा। ऑपरेशन के दूसरे चरण में प्लास्टिक सर्जरी की जाएगी।
Glad to learn of successful separation of Jaga Kalia at #AIIMS . Congrats to the doctors" team. Pray to Lord Jagannath for speedy recovery
— Naveen Patnaik (@Naveen_Odisha) October 26, 2017
चुनौतियों से भरा था ऑपरेशन
एम्स के सर्जन टीम के प्रमुख डॉक्टर के मुताबिक ये केस एकदम नया और चुनौतियों से भरा है। डॉक्टर ने बताया कि बच्चों का ब्लड प्रेशर सामान्य था और हार्ट रेट नॉर्मल थी। इस वजह से हमें ऑपरेशन के दौरान किसी भी वजह से खतरे की कोई गुंजाइश कम हो गई थी। एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर बच्चों को इलाज कर रहे हैं। पूरी सर्जरी में 22 घंटे से ज्यादा का वक्त लगेगा।
दोनों जुड़वा बच्चे 14 जुलाई को ओडिशा के कंधमाल जिले के मिलिपाडा गांव से दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल लाए गए थे। बच्चों की पहली सर्जरी 28 अगस्त को हुई थी। इस सर्जरी में जापान के डॉक्टर ने भी भाग लिया था। सर्जरी से पहले उनके कई परीक्षण किए गए। 2 लाख जुड़वा बच्चों के केस में से एक ही केस जुड़े हुए बच्चों का होता है। इनमें भी सिर से जुड़े हुए बच्चों का केस केवल दो फीसदी होते हैं।
Created On :   26 Oct 2017 10:00 AM IST